हरेली के एक महीने बाद भाद्रपद अमावस्या को मनाया जाता है पोरा पर्व, बच्चों को दी जाती है पारंपरिक शिक्षा
छत्तीसगढ़, जिसे 'धान का कटोरा' कहा जाता है, यहां की लोकसंस्कृति में पोरा तिहार का विशेष स्थान है। इस पर्व को ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है, जो नई पीढ़ी को उनकी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाने का एक अनूठा अवसर है।पोरा तिहार पर मिट्टी के खिलौनों का महत्व है। इस दिन बच्चों को मिट्टी के बने खिलौने, जैसे लड़कों के लिए बैल, हल और लड़कियों के लिए चूल्हा-चौका, बर्तन, दिया जाता है। इसका उद्देश्य बच्चों को...