नई दिल्ली (आदिनिवासी)। सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने न्यायपालिका और प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए। छत्तीसगढ़ के छिंदवाड़ा गांव में एक आदिवासी व्यक्ति सुभाष बघेल का शव पिछले 12 दिनों से मुर्दाघर में पड़ा हुआ है। उनके बेटे रमेश बघेल को गांव वालों के विरोध के चलते पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।गांव वालों ने रमेश बघेल को पिता का शव गांव के कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाजों से दफनाने से रोक दिया। उनका आरोप है कि परिवार के ईसाई धर्म अपनाने के बाद उन्हें कब्रिस्तान...