वॉशिंगटन (आदिनिवासी) |अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम फैसले में लगभग सभी विदेशी वित्तीय सहायता
और विकास कार्यक्रमों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है।
यह फैसला अमेरिका की विदेश नीति को “अमेरिका फर्स्ट” की अवधारणा के अनुरूप ढालने की रणनीति का हिस्सा है।
हालांकि, इस आदेश से इजराइल और मिस्र को दी जा रही सहायता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
विदेशी सहायता पर रोक: एक ऐतिहासिक कदम
अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को घोषणा की कि दुनिया भर में जारी अमेरिकी आर्थिक सहायता और विकास
कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए सभी वित्तीय मदद पर अस्थायी रोक लगाई गई है।
मानवीय सहायता पर सीमित अपवाद
केवल मानवीय खाद्य कार्यक्रमों को इस रोक से बाहर रखा गया है।
समीक्षा की प्रक्रिया
इस निर्णय के तहत, विदेश विभाग तीन महीनों के भीतर यह समीक्षा करेगा कि कौन-कौन से सहायता कार्यक्रम जारी रखे
जा सकते हैं।
यूक्रेन के लिए कठिन समय
अमेरिका के इस फैसले से यूक्रेन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
रूस के साथ जारी युद्ध में यूक्रेन को अमेरिकी आर्थिक सहायता बेहद महत्वपूर्ण रही है।
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल में यूक्रेन के लिए भारी वित्तीय सहायता को मंजूरी दी थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन
के इस नए आदेश ने सभी नई फंडिंग पर रोक लगा दी है।
यूक्रेन पर प्रभाव
अमेरिका द्वारा दी जाने वाली सैन्य और आर्थिक सहायता में कटौती से यूक्रेन की युद्ध रणनीति और आर्थिक स्थिरता पर
गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यूक्रेन के सामने अब अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाने की चुनौती और बढ़ गई है।
स्वास्थ्य और विकास परियोजनाओं पर असर
ट्रंप प्रशासन के फैसले का असर सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दुनियाभर में चल रहे कई स्वास्थ्य और
विकास परियोजनाओं पर भी पड़ेगा।
स्वास्थ्य कार्यक्रम
अमेरिका द्वारा वित्तपोषित कई स्वास्थ्य परियोजनाओं की नई फंडिंग बंद हो गई है।
शिक्षा और नौकरी प्रशिक्षण
वैश्विक स्तर पर चल रहे शिक्षा और रोजगार प्रशिक्षण के कार्यक्रमों को भी रोक दिया गया है।
विदेशी सहायता को लेकर ट्रंप की नीति
राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से अमेरिकी सहायता कार्यक्रमों की समीक्षा की बात कर रहे थे।
उनका मानना है कि अमेरिका को उन कार्यक्रमों में पैसा नहीं लगाना चाहिए, जो सीधे तौर पर अमेरिका के हितों से जुड़े नहीं हैं।
नई नीति का उद्देश्य
फंडिंग को अधिक प्रभावी बनाना और इसे राष्ट्रपति की विदेश नीति के अनुरूप ढालना।
विदेश विभाग की भूमिका
विदेश विभाग तीन महीनों के भीतर समीक्षा पूरी करेगा और राष्ट्रपति ट्रंप को रिपोर्ट सौंपेगा।
मानवीय सहायता संगठनों की प्रतिक्रिया
अमेरिकी प्रशासन के इस कदम से कई मानवीय सहायता संगठनों ने नाराजगी जताई है।
उनकी चिंता है कि इस फैसले से कमजोर देशों में स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य बुनियादी सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
मानवीय सहायता से जुड़े कई अधिकारियों ने इसे “अचानक और कठोर निर्णय” करार दिया है।
विदेश मंत्री की रिपोर्ट और अगला कदम
विदेश मंत्री मार्को रूबियो की अध्यक्षता में चल रही समीक्षा प्रक्रिया के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन-कौन से विदेशी सहायता कार्यक्रम जारी रहेंगे।
रिपोर्ट का समय
यह रिपोर्ट तीन महीनों में तैयार होगी।
राष्ट्रपति की मंजूरी
रिपोर्ट की सिफारिशों को राष्ट्रपति ट्रंप के सामने पेश किया जाएगा, जिसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।