नई दिल्ली (आदिनिवासी)| डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद अवैध प्रवासियों को लेकर अपने चुनावी वादों पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है।
ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों के सामूहिक निर्वासन के लिए कठोर कदम उठाए हैं।
उनकी नई नीति के तहत अब तक 538 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया जा चुका है,
और आने वाले समय में 20,000 से अधिक भारतीय प्रवासियों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप का कड़ा रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अभियान के दौरान अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई करने का वादा किया था।
राष्ट्रपति बनने के मात्र चार दिनों के भीतर उन्होंने “निर्वासन उड़ानें” शुरू करने का आदेश दिया।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा,
“राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया को स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
इसके तहत, सैन्य विमानों का उपयोग कर अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कदम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के बाद पहली बार लिया गया है।
अमेरिका में कितने भारतीय प्रवासी प्रभावित होंगे?
ट्रंप प्रशासन की नई नीति का सबसे बड़ा प्रभाव भारतीय प्रवासियों पर पड़ सकता है। नवंबर 2024 तक की रिपोर्ट के अनुसार
20,000 से अधिक भारतीय प्रवासी बिना दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं।
इनमें से 17,940 भारतीयों को “अंतिम निष्कासन आदेश” जारी किया जा चुका है।
2,647 भारतीय प्रवासी वर्तमान में ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) के हिरासत केंद्रों में हैं।
जो प्रवासी “अंतिम निष्कासन आदेश” का सामना कर रहे हैं, उन्हें अमेरिका छोड़ना होगा,
अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई और भविष्य में प्रवेश पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
निर्वासन प्रक्रिया: कैसे होती है कार्रवाई?
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया अमेरिकी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम (INA) के तहत संचालित होती है।
बिना उचित दस्तावेज के अमेरिका में प्रवेश करने वाले गैर-नागरिकों को तुरंत निर्वासित किया जा सकता है।
इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो जाली यात्रा दस्तावेज का उपयोग करते हैं या वीजा शर्तों का उल्लंघन करते हैं।
जिन गैर-नागरिकों को निर्वासन का सामना करना होता है, उन्हें हिरासत केंद्रों में रखा जाता है।
ये प्रक्रिया तब शुरू होती है जब कोई व्यक्ति सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है,
वीज़ा की अवधि समाप्त हो चुकी हो, या आपराधिक कृत्य में शामिल हो।
क्या निर्वासन के खिलाफ अपील संभव है?
संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ विशेष परिस्थितियों में निर्वासन के खिलाफ अपील की जा सकती है।
यदि कोई गैर-नागरिक यह साबित करता है कि वह शरण का पात्र है, तो उसे त्वरित निष्कासन के बजाय औपचारिक सुनवाई का अधिकार दिया जा सकता है।
शरण मांगने वालों को यह दिखाना होगा कि उनके देश लौटने पर उन्हें उत्पीड़न या गंभीर खतरे का सामना करना पड़ेगा।
औपचारिक निष्कासन की प्रक्रिया लंबी होती है और इसके दौरान व्यक्ति को कानूनी सहायता लेने का अधिकार होता है।
भारतीय प्रवासियों के लिए क्या हैं विकल्प?
अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
ऐसे में उन्हें अपनी कानूनी स्थिति का पुनर्मूल्यांकन करना होगा।
यदि उन्हें अपने देश लौटने पर उत्पीड़न का खतरा है, तो वे शरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
भारतीय प्रवासी जो निर्वासन का सामना कर रहे हैं, उन्हें तुरंत आव्रजन विशेषज्ञ या वकील की सहायता लेनी चाहिए।
ट्रंप की नीति पर दुनिया की प्रतिक्रिया
ट्रंप प्रशासन की यह कठोर नीति दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां कुछ लोग इसे अमेरिकी नागरिकों के लिए
सुरक्षा का कदम मानते हैं, वहीं मानवाधिकार संगठनों ने इसे अन्यायपूर्ण और गैर-जरूरी बताया है।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी अमेरिका से इस कदम पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
भारतीय समुदाय के लिए चुनौतीपूर्ण समय
डोनाल्ड ट्रंप के निर्वासन अभियान से न केवल भारतीय प्रवासी, बल्कि कई अन्य देशों के नागरिक भी प्रभावित होंगे।
भारतीय समुदाय के लिए यह एक जटिल समय है, जिसमें सही कानूनी मार्गदर्शन और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
अमेरिकी आव्रजन नीति के इस सख्त रुख के बीच, प्रवासियों को सतर्क रहने और अपनी स्थिति के अनुसार कदम उठाने की सलाह दी जाती है।