रविवार, जनवरी 19, 2025

चर्चा-समीक्षा

मिनी पाकिस्तान की तलाश: अज्ञान या विभाजन की साजिश?

यत्र-तत्र-सर्वत्र मिनी पाकिस्तान ढूंढती नैनो बुद्धि! घूम-फिरकर कुनबा फिर अपने प्रिय पाकिस्तान की पनाह में पहुँच गया है। इस बार कोलम्बस बने हैं महाराष्ट्र की चार इंजिन वाली सरकार के मछली जल की रानी और जहाजरानी विभाग के मंत्री नीतेश...

From Salwa Judum to Corporate Bastar: The Systematic Killing of Democracy

If journalism is the mother of democracy or journalists are the fourth pillar of democracy, then believe me, on the night of January 3, it was found buried in the septic tank of a state-cherished contractor in Bijapur of...

आखिरकार अंबेडकर पर क्यों हो रहा है निर्णायक हमला?

" जुबान नहीं फिसली है, असल बात जुबान पर आ गई है! "मैंने लिखा था, वे गांधी-नेहरू के बाद अंतिम हमला आंबेडकर पर ही बोलेंगे, आखिर अमित शाह ने आंबेडकर पर हमला बोल ही दिया।भारत को हिंदू राष्ट्र में तब्दील...

डॉ अंबेडकर की कड़ी आलोचना: क्यों उन्होंने सावरकर के ‘हिंदुत्व’ को भारत के लिए खतरनाक बताया?

संसद के शीतकालीन सत्र में ‘संविधान के 75 वर्ष’ के गौरवशाली मौके पर लोकसभा में दो दिनों की बहुत जीवंत बहस हुई। इसमें तमाम तरह के राजनीतिक और वैचारिक मुद्दे उठे। सत्तापक्ष का जोर समसामयिक राजनीतिक मुद्दों पर रहा। कई...

बुलडोज़र युग: एक नया विमर्श या लोकतंत्र का संकट?

बुलडोज़र गाथा इंडियन एक्सप्रेस (18 नवंबर, 2024) में सुहास पलसीकर लिखते हैं : "हमारे लोकतंत्र के साथ जो गड़बड़ी है, बुलडोज़र उसका एक अभिलक्षण है। अदालत ने आख़िरकार भौतिक बुलडोज़र पर ग़ौर फ़रमाया है और इसके ग़ैर-क़ानूनी इस्तेमाल को रोकने...

कुंभ और राजनीति: सनातन धर्म के नाम पर विभाजन का एजेंडा

'कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना' साधते सीकरी के असाधु और असंत कुनबे की हड़बड़ी कुछ ज्यादा ही बढ़ी दिख रही है ; उन्मादी ध्रुवीकरण को तेज से तेजतर और उसके तरीकों को अशिष्ट से अभद्रतम तक पहुंचाया जा रहा...

क्या भाजपा का हिंदुत्व एजेंडा अडानी-अंबानी के कंधों पर टिका है? सत्ता, धन और विचारधारा का गठजोड़

भारत में प्रायः राजनैतिक शक्ति और आर्थिक प्रभुत्व के विस्तार की तुलना इतिहास में फासीवादी शासन के उदय से की जाती है। एक लोकप्रिय धारणा यह है कि जब राजनेता और व्यवसायी घनिष्ठ गठबंधन बनाते हैं, तो इसका परिणाम...

क्या कंगना का बयान और फिर खंडन महज एक संयोग है या सोची-समझी रणनीति?

सिर्री नहीं है कंगना जी! एक बार फिर कंगना राणावत (या रनौत जो भी हैं) ने एक बयान दिया और फिर उसके बाद जैसा कि इस कुनबे का रिवाज, परम्परा, लत, अदा और अंदाज (जो भी कह लीजिये) है, वह...

प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश की नज़दीकी: भारतीय गणराज्य के भविष्य के लिए खतरे की घंटी?

भारत के कई नए 'सामान्य' के बीच, अब यह भी एक सामान्य बात हो गई है कि प्रधानमंत्री किसी 'निजी' धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए मुख्य न्यायाधीश के निवास पर जाएं और इस पूरी घटना का व्यवस्थित...

सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खेल का पर्दाफाश: भाजपा ने हाईकोर्ट में नकारा बांग्लादेशी घुसपैठ का दावा!

सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खेल झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में यह बात कहकर सनसनी फैला दी थी कि राज्य में संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की आबादी गिर रही है और...

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बिलासपुर: गांजा तस्करी में शामिल पुलिसकर्मी और संगठित गिरोह का पर्दाफाश

बिलासपुर (आदिनिवासी)। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने जीआरपी थाना बिलासपुर में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के तहत एक बड़े मामले...