भगत सिंह और आज की चुनौतियां
भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी की सजा दी गई थी और अपनी शहादत के बाद वे हमारे देश के उन बेहतरीन स्वाधीनता संग्राम सेनानियों में शामिल हो गये, जिन्होने देश और...
आज 20 मार्च 2025 को हम उस महान विभूति को याद करते हैं, जिन्होंने न केवल खेल के मैदान में भारत का नाम रोशन किया, बल्कि संविधान सभा के मंच से लेकर जंगलों और सड़कों तक आदिवासियों के अधिकारों...
लाहौर, 27 सितंबर 1931
(प्रकाशित: द पीपुल अखबार)लेखक: भगत सिंह
भारत के वीर सपूत और आजादी के दीवाने भगत सिंह ने जेल की कालकोठरी में बैठकर एक ऐसा लेख लिखा, जो आज भी हर दिल को झकझोर देता है। यह लेख...
भाषा के प्रश्न पर और खास तौर पर क्षेत्रीय अस्मिता के मुद्दे पर दक्षिण भारत एक बार फिर गर्म हो रहा है। इसका उबाल तमिलनाडु में विशेष रूप से ज्यादा है, जहां पहले भी 1960-70 के दशकों में भाषाई प्रश्न...
इसे भाजपा की धुलाई मशीन का करिश्मा कहना, शायद इसमें निहित हमारी संवैधानिक व्यवस्था के क्षय को कम कर के आंकना होगा। इससे पता चलता है कि नरेंद्र मोदी के राज में राजद्रोह जैसे गंभीर और पटेल नेता के...
संत रविदास: एक चमत्कार जो सिखाता है मन की पवित्रता और समानता का पाठ
जानिए कैसे एक मिट्टी के बर्तन में प्रकट हुई गंगा ने बदल दी भक्ति और समाज की परिभाषा!
बनारस: "मन चंगा तो कठौती में गंगा"—यह कोई मिथक...
"भारत की भूमि पर भारतीयों का ऐतिहासिक अपमान!"5 फरवरी को भारत ने भारत की जमीन पर भारतियों का जो अपमान देखा, वह इतिहास में शायद ही पहले कभी देखा हो। जानवरों की तरह हथकड़ियों में बंधे, बेड़ियों में जकड़े...
आरजी कर मामले में सियालदाह कोर्ट के फैसले ने कोलकाता पुलिस, राज्य प्रशासन और सीबीआई की भूमिका पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। संजय रॉय को हत्या और बलात्कार के मुख्य अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है...
"रेवड़ी संस्कृति, लोकतंत्र की परीक्षा और मतदाता का विवेक!"
चुनावी मौसम में मतदाताओं के दरवाजे पर दस्तक देने वाली मुफ्त योजनाएं अब भारतीय राजनीति का एक अहम हिस्सा बन गई हैं। जहां एक ओर ये योजनाएं गरीब वर्ग को राहत...
"राजनीतिक उठापटक और जनता की आवाज!"
कोरबा (आदिनिवासी)। कोरबा नगरीय निकाय चुनाव में राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लेकिन इस बार चुनावी मैदान में एक नई रोचक बात...