शनिवार, मार्च 22, 2025

पेगासुस स्पाइवेयर: अमेरिकी अदालत का बड़ा फैसला और भारत में उठते सवाल?

Must Read

पेगासुस एक अत्याधुनिक स्पाइवेयर है, जिसे इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने विकसित किया है। यह स्मार्टफोन हैक कर उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, कॉल, संदेश, ईमेल, फोटो, और यहां तक कि कैमरा व माइक्रोफोन तक की पहुंच प्राप्त कर सकता है।

इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल निगरानी और जासूसी के लिए किया जाता है, जिससे यह दुनिया भर की सरकारों और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

हाल ही में, अमेरिकी अदालत ने एनएसओ ग्रुप के खिलाफ व्हाट्सएप द्वारा दायर एक मुकदमे में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसने वैश्विक स्तर पर पेगासुस विवाद को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

अमेरिकी अदालत का बड़ा फैसला: एनएसओ ग्रुप को ठहराया जिम्मेदार
2019 में, व्हाट्सएप ने एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पेगासुस स्पाइवेयर के माध्यम से 1,400 से अधिक उपयोगकर्ताओं के फोन हैक किए गए थे।

अदालत का निर्णय
अमेरिकी अदालत ने एनएसओ ग्रुप के इस दावे को खारिज कर दिया कि उसे संप्रभु प्रतिरक्षा (sovereign immunity) प्राप्त है।

अदालत ने कंपनी को इस हैकिंग का जिम्मेदार ठहराया और व्हाट्सएप के मुकदमे को आगे बढ़ाने की अनुमति दी।
यह फैसला एक ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है, क्योंकि यह डिजिटल गोपनीयता और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर सकता है।

भारत में पेगासुस का विवाद: कौन थे निशाने पर?
भारत में पेगासुस स्पाइवेयर के उपयोग को लेकर 2019 और 2021 में बड़े खुलासे हुए। इन रिपोर्ट्स के अनुसार, 300 से अधिक भारतीय फोन नंबर इस जासूसी सॉफ्टवेयर का शिकार बने, जिनमें शामिल थे

पत्रकार – कई मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ पत्रकारों के फोन हैक किए गए।
राजनेता – विपक्षी दलों के नेताओं को लक्षित करने का आरोप लगा।
सरकारी अधिकारी – महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर बैठे व्यक्तियों की जासूसी की खबरें आईं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता – कई एक्टिविस्ट्स को पेगासुस से निशाना बनाया गया।

पेगासस प्रोजेक्ट: बड़ा खुलासा
2021 में, “पेगासुस प्रोजेक्ट” नामक वैश्विक जांच में यह सामने आया कि भारत में 40 से अधिक पत्रकारों की जासूसी की गई। यह रिपोर्ट एमनेस्टी इंटरनेशनल और फॉरबिडन स्टोरीज के नेतृत्व में की गई थी।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया: क्या सरकार पेगासुस का इस्तेमाल कर रही थी?
पेगासुस विवाद के सामने आने के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया मिलीजुली रही।

2019: व्हाट्सएप द्वारा पेगासुस हमले का खुलासा करने के बाद, भारत सरकार ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
2021: पेगासुस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बाद, सरकार ने एक स्वतंत्र जांच समिति बनाने का ऐलान किया, लेकिन पेगासुस के उपयोग की न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया।
सरकार ने कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इस पर कोई सीधा बयान नहीं दे सकती।

पेगासुस विवाद: क्या यह डिजिटल निजता का उल्लंघन है?
साइबर विशेषज्ञों और मानवाधिकार संगठनों का मानना है कि पेगासुस का उपयोग निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

भारत में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act, 2000) और सुप्रीम कोर्ट का निजता पर फैसला (Puttaswamy Judgment, 2017) यह सुनिश्चित करता है कि नागरिकों की निजी जानकारी संरक्षित रहे।
अगर सरकार द्वारा पेगासुस का उपयोग किया गया, तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन हो सकता है।

व्हाट्सएप vs एनएसओ ग्रुप केस का भारत पर प्रभाव
अमेरिकी अदालत का यह फैसला भारत के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

यदि एनएसओ ग्रुप को अदालत में जिम्मेदार ठहराया जाता है, तो भारत में भी इसके कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
साइबर सुरक्षा को लेकर भारत में डिजिटल कानूनों को सख्त करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को अपने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करना पड़ सकता है।

पेगासुस विवाद यह सवाल उठाता है कि भारत में नागरिकों की डिजिटल गोपनीयता कितनी सुरक्षित है?

सरकार को साइबर सुरक्षा और डिजिटल निगरानी के लिए पारदर्शिता लाने की जरूरत है।
आम नागरिकों को भी अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

पेगासुस विवाद का भविष्य क्या होगा?
अमेरिकी अदालत का यह निर्णय डिजिटल सुरक्षा और व्यक्तिगत गोपनीयता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। भारत में पेगासुस के उपयोग को लेकर अभी भी कई सवाल अनुत्तरित हैं। यह जरूरी है कि सरकार और न्यायिक संस्थाएं इस मामले की गहराई से जांच करें और नागरिकों के गोपनीयता अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।

- Advertisement -
  • nimble technology
Latest News

बालको की महिला कर्मचारियों को खनन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान

बालकोनगर (आदिनिवासी)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कोयला एवं खान मंत्रालय द्वारा खनन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के...

More Articles Like This