गुरूवार, अक्टूबर 16, 2025

चर्चा-समीक्षा

भारतीय संविधान में आदिवासियों के अधिकार: 20 प्रमुख तथ्य जो हर भारतीय को जानना चाहिए

"आदिवासी समुदायों के अधिकारों का मजबूत सहारा: जानिए संविधान की ऐसी धाराएं जो देती हैं उनको संरक्षण" भारतीय संविधान ने आदिवासी समुदायों (अनुसूचित जनजातियों) के अधिकारों, संरक्षण और विकास के लिए अद्वितीय प्रावधान किए हैं। लेकिन अक्सर इनकी जानकारी की...

पहलगाम आतंकी हमला: कश्मीर की वादी में खूनखराबा, जवाबदेही की मांग तेज

"मोदी सरकार को जवाब देना होगा" जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ दिल दहलाने वाला आतंकी हमला न केवल भारत के लिए एक त्रासदी है, बल्कि यह मानवता पर एक क्रूर वार है। इस हमले में 26 निर्दोष...

फुले फिल्म विवाद: ब्राह्मणवाद की पुनर्स्थापना की साजिश या सच्चाई का सामना? 

"फिल्म तो एक बहाना है, दरअसल देश में गुलामगिरी फिर से लाना है!" फुले फिल्म को लेकर जिस तरह का तूमार खड़ा किया जा रहा है, वह सिर्फ उतना नहीं है, जितना दिखाया या बताया जा रहा है : कि...

पहलगाम आतंकी हमला: पाकिस्तान की साजिश या केंद्र सरकार की नाकामी? कश्मीर की सच्चाई क्या है?

नोटबंदी के बाद मोदी सरकार का दावा था कि आतंकवाद की कमर तोड़ दी गई है। संविधान के अनुच्छेद-370 को खत्म करते हुए दूसरा दावा था कि आतंकवाद की जड़ को खत्म कर दिया गया है। संसद में इस सरकार...

लोकतंत्र पर हमला: सेंसरशिप, दमन और विरोध की आवाज़ें दबाने की भाजपा सरकार की रणनीति

लोकतंत्र का गला घोंटने पर आमादा भाजपा सरकारें भारत को दुनिया के लोकतंत्र की माँ बताते हुए, असहमतियों का सम्मान करने का दावा करते हुए गाल कितने भी बजाये जाएँ, मगर असलियत में तानाशाही के पैने नाखून संविधान के साथ-साथ...

बाबा साहब अम्बेडकर, भारतीय संविधान और लोकतंत्र पर मंडराते खतरे: एक चेतावनी और संघर्ष का आह्वान

डॉ. अम्बेडकर संविधान निर्माता माने जाते हैं। निस्संदेह वे ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे और विराट बहुमत से चुने गए थे। संविधान में उनकी विजन - नजरिये - का महत्वपूर्ण योगदान है। किन्तु उन्हें यहीं तक सीमित रखना उनके...

भगत सिंह की विचारधारा और आज का भारत: क्या हम उनके सपनों का देश बना पाए?

भगत सिंह और आज की चुनौतियां भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फांसी की सजा दी गई थी और अपनी शहादत के बाद वे हमारे देश के उन बेहतरीन स्वाधीनता संग्राम सेनानियों में शामिल हो गये, जिन्होने देश और...

मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा: आदिवासियों के अनमोल नायक की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि!

आज 20 मार्च 2025 को हम उस महान विभूति को याद करते हैं, जिन्होंने न केवल खेल के मैदान में भारत का नाम रोशन किया, बल्कि संविधान सभा के मंच से लेकर जंगलों और सड़कों तक आदिवासियों के अधिकारों...

ईश्वर पर सवाल उठाने वाला भगत सिंह का दिल छू लेने वाला लेख: “मैं नास्तिक क्यों हूं?”

लाहौर, 27 सितंबर 1931 (प्रकाशित: द पीपुल अखबार)लेखक: भगत सिंह भारत के वीर सपूत और आजादी के दीवाने भगत सिंह ने जेल की कालकोठरी में बैठकर एक ऐसा लेख लिखा, जो आज भी हर दिल को झकझोर देता है। यह लेख...

भाषा विवाद: एकता का ढोंग या बंटवारे की साजिश?

भाषा के प्रश्न पर और खास तौर पर क्षेत्रीय अस्मिता के मुद्दे पर दक्षिण भारत एक बार फिर गर्म हो रहा है। इसका उबाल तमिलनाडु में विशेष रूप से ज्यादा है, जहां पहले भी 1960-70 के दशकों में भाषाई प्रश्न...

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बालको के सेवानिवृत्त कामगारों की हक और सम्मान की लड़ाई तेज़ — 15 अक्टूबर को एकता पीठ में होगी निर्णायक बैठक

स्थान: एकता पीठ परिसर, ऐक्टू यूनियन कार्यालय, बालकोनगर, कोरबासमय: प्रातः 11:30 बजे से कोरबा (आदिनिवासी)। बालको के सेवानिवृत्त श्रमिकों के...