सन 1995 तथा अब सन 2017 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि हिंदू कोई धर्म नहीं है।
साथियों, आजकल हिन्दू हिन्दू हिन्दू हिन्दू , आप जिधर देखो उधर हिन्दू या हिन्दुस्तान ! यही नाम नजर आता है। खासकर ये जातिवादी पार्टियों की एक बड़ी पहचान है। मगर क्या है ये हिन्दू ? कौन है ये हिन्दू ? हिन्दू शब्द कहा से आया ? कौन से धर्म ग्रन्थ में है ये हिन्दू शब्द ? इस हिन्दू शब्द से किसको फायदा है ? किसको नुक्सान है ? हिन्दू होने का सबूत क्या है ?
ऐसे एक से एक सवाल कई बार उठाये गए है और इसका हमें जवाब मिलने के बजाय गालिया मिली। हमें आतंकवादी कहा गया। हमें पाकिस्तानी कहा गया। आई एस आई का एजेंट कहा गया। राष्ट्र द्रोही कहा गया। और गन्दी गन्दी गालिया मिली। तो क्या जो माँ बहनो पे गालिया देता है, आतंकवादी कहता है, राष्ट्र द्रोही कहता है, पाकिस्तानी कहता है, आई एस आई का एजेंट कहता है, किसी ख़ास राजनैतिक पार्टी से सम्बन्ध रखता है वो हिन्दू है ? जी नहीं, वह हिन्दू नहीं है। हम आपको सीना तान के बता सकते है कि इस देश में हिन्दू कोई नहीं है।
कैसे ? चलो बताते है…
इस देश के 20 करोड़ से भी ज्यादा मुसलमान हिन्दू नहीं है। लगभग 02 करोड़ क्रिश्चियन हिन्दू नहीं है। लगभग 3 करोड़ सिख हिन्दू नहीं है। यानि की इस देश की 25 करोड़ आबादी हिन्दू नहीं है।
अनुसूचित जाति (SC) और जन जाति (ST) हिन्दू नहीं है। अगर SC हिन्दू होते तो उनको वेद, पुराण, रामायण और अन्य धर्मग्रन्थ पढ़ने का अधिकार होता। उनको मंदिर में जाने का अधिकार होता। पुजारी बनने का अधिकार होता। वही बात आदिवासियों के बारे में भी है। अगर आदिवासी लोग हिन्दू होते तो उनको भी पुरे संस्कार होते, उनको भी पढने लिखने का अधिकार होता, उपनयन का अधिकार होता, लेकिन उनको भी ये सब अधिकार नहीं थे/है। इसीलिए अनूसूचित जाति के लोग भी हिन्दू नहीं है।
SC और ST आदिवासी लोगों कि जनसँख्या लगभग 25 करोड़ तक है। अर्थात SC, ST और माइनॉरिटीज लगभग 50 करोड़ आबादी हिन्दू नहीं है।
पिछड़ी जाति/OBC- अब बात करते है पिछड़ी जाति कि यानि कि अन्य पिछड़ी जाती (Other Backward Castes) जैसे कि यादव, अहीर, भुजबल, वन्नियार, कश्यप, कुमहार, गडरिया, कोइरी, मौर्य, सैनी, आदि इनकी जिनकी आबादी लगभग 60 करोड़ तक कि अनुमानित की गयी है। इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। मगर इस देश कि जातिवादी सरकार उनकी गिनती नहीं करना चाहती है, क्यों कि अगर पिछड़ी जाति के लोगों की गिनती की जाती है तो उनको उनकी कितनी संख्या है पता चल जाएगा और मेजोरिटी होने के बावजूद उनकी भागीदारी नौकरी, मीडिया, और अन्य क्षेत्रों में कम ही है, इसीलिए उनकी जनगणना से सरकार के खिलाफ विद्रोह हो सकता है। अगर OBC लोग हिन्दू होते तो उनको भी उपनयन का अधिकार मिलता, उनका भी संस्कार होता। उनके लिए बनाये गए मंडल कमीशन के लिए विरोध ना होता। अगर वो हिन्दू होते तो कोई भी ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य की लड़कियो से शादी करता, लेकिन नहीं करते।
इसीलिए इस देश के 60 करोड़ ओबीसी लोग भी हिन्दू नहीं है। यानि की 50 + 60 =110 करोड़ हिन्दू नहीं है।
अब आप जान लिए न कि इस देश के 110 करोड़ लोग हिन्दू नहीं है।
भारत देश कि जनसँख्या करीब 125 करोड़ है। यानि कि 125-110=15 करोड़ लोग ही हिन्दू हैं। इस देश के 15 करोड़ ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य लोग ही हिन्दू हैं।
मगर क्या ये 15 करोड़ लोग वाकई में हिन्दू हैं? जी नहीं !
यूनिवर्सिटी ऑफ़ युताहा (University Of Utaha) के माइकल बमशाद के मुताबिक जो खुद को ऊँची जाति के मानते हैं, वह ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य इनका DNA मध्य एशिया के कास्पियन सागर है। वहां के लोगों से 99.99% मिलता जुलता है। इसीलिए ये 15 करोड़ आबादी भी हिन्दू नहीं है।
इस प्रकार यह सिद्ध हुआ कि इस देश में हिन्दू कोई नहीं है।
यही नहीं दोस्तों, हिन्दू या हिंदुस्तान शब्द भारतीय संविधान के निर्माता भारतरत्न डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर ने नहीं माना है। भारतीय संविधान लिखते वक्त संविधान में हिन्दू शब्द नहीं डाला है। उन्होंने संविधान में इस देश का नाम *इंडिया अर्थात भारत* लिखा है। हिन्दू या हिंदुस्तान भारतीय संविधान के भी खिलाफ है। संविधान में बाबासाहब ने लिखा है कि इंडिया यानि भारत एक संयुक्त राज्य होगा। उन्होंने जान बुझकर India/भारत ऐसा इसलिए लिखा क्योंकि उनको पता था कि इस देश के कपटी शासक (Ruler) लोग इंडिया का ट्रांसलेशन हिन्दुस्तान करेंगे।
इसीलिए बाबा साहब ने भारत लिखा। क्योंकि भारत 500 सालो से पूर्व से अस्तित्व में है।
Article 1(1) of the Indian Constitution : “India, that is Bharat, shall be a Union of States.”
तो फिर ये हिन्दू क्या है? हिन्दू या हिन्दुस्तान क्या बला है ?
दोस्तों, मुगलो और पर्शियन राजाओं ने
जब भारत पर आक्रमण किया तब इस देश की जनता को गुलाम बनाया। जिस अरबी आदमी कि मातृभाषा अरबी है उनको पूछा जाए कि हिन्दू का क्या मतलब है ?
हिन्दू का मतलब अरबी और पर्शियन भाषा में गुलाम, दास, गाली इत्यादि होता है।
स्वामी दयानंद सरस्वती भी अपने समाज को हिन्दू नहीं बल्कि आर्य समाज कहे हैं।
हिन्दू शब्द इस देश के किसी भी धार्मिक ग्रन्थ में, पुराणो में या स्मृतियों में नहीं पाया जाता है।जिनको ब्राह्मण क्षत्रिय, वैश्य लोग हिन्दू कहते है उसका असली नाम आर्य या ब्राह्मण धर्म है। ब्राह्मण, बनिया और क्षत्रिय लोग खुद को और इस देश के सभी गैर मुसलमानो को हिन्दू इसलिए बोलते हैं ताकि उनका इस देश पर केंद्र की राजनीति, न्यायपालिका, मीडिया, सरकारी नौकरिया और अन्य क्षेत्रों में जो कब्ज़ा है वह बरकरार रखना है। हिन्दू कहने से और कहलवाने से दुश्मन दिखायी नहीं देता है, दुश्मन छुप जाता है और भ्रम (Confusion) कि स्थिति बरकरार रहती है।
यही भ्रम कि स्थिति हजारो सालों से अभी तक बरकरार है। (प्रस्तुति-बालाजी काशीनाथ मंडावी)