मिर्ज़ा आसिफ बेग बने रहेंगे मरकज़ी सीरत कमेटी के अध्यक्ष; पांच मस्जिदों सहित कई कमेटियों का मिला समर्थन
कोरबा (आदिनिवासी)। 24 अगस्त 2023 को जामा मस्जिद के सेक्रेटरी हाजी एखलाक खान के द्वारा प्रेस वार्ता कर मरकज़ी सीरत कमेटी के अध्यक्ष मिर्ज़ा आसिफ बेग (निशू) के विरुद्ध कई आरोप लगाए। हाजी एखलाक खान के द्वारा मरकजी सीरत कमेटी के अध्यक्ष के खिलाफ़ हिसाब-किताब को लेकर आरोप लगाया, जबकि मिर्ज़ा आसिफ बेग के द्वारा पिछले कार्यकालों में कमेटी के द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा समाज के सदस्यों के बीच रखते हुए सारा हिसाब-किताब चस्पा भी किया जा चुका है। मिर्जा आसिफ बेग ने बताया कि हाजी एखलाक खान के द्वारा हिसाब-किताब चस्पा होने के बाद भी ऐसे आरोप लगाना समाज के बीच में भ्रम पैदा करने एवं बदनाम करने की साजिश है और उनके द्वारा समाज को बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
हाजी एखलाक खान के द्वारा बताया गया है कि 11 अगस्त 2023, शुक्रवार को हुई मरकज़ी सीरत कमेटी की बैठक की जानकारी उनको नहीं दी गई, जबकी उक्त बैठक के आयोजन का ऐलान जामा मस्जिद में स्वयं उनके द्वारा किया गया था। मिर्जा आसिफ बेग के द्वारा ख़ुद शहर की सारी मस्जिदों में ऐलान कराया गया ताकि समाज के बीच होने वाली महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी समाज के लोगों को मिल सके। हाजी एखलाक खान के द्वारा 11 अगस्त 2023 की बैठक में मिर्जा आसिफ बेग पर कई आरोप लगाते हुए अध्यक्ष पद से हटाए जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें समाज के लोगों ने हाजी एखलाक खान के इस कृत्य पर रोष व्यक्त किया। जिससे हाजी एखलाक खान उस मिटिंग से डर कर भाग खड़े हुए और समाज के बीच भ्रम फैलाने की नीयत से उन्होंने मिर्ज़ा आसिफ बेग पर अभद्र व्यवहार करने जैसा गंभीर आरोप लगाया। 11 अगस्त की बैठक का साक्षी केवल हाजी एखलाक खान नहीं, बल्कि कोरबा की पूरी आवाम है। हाजी एखलाक खान अपने डर को छुपाने के लिए चाहे जितने भी प्रयास कर लें, आवाम उनकी मीठी-मीठी बातों पर बिल्कुल नहीं आएगी।
हाजी एखलाक खान ने मरकज़ी सीरत कमेटी के अध्यक्ष मिर्जा आसिफ बेग पर निराधार आरोप लगाते हुए मरकज़ी सीरत कमेटी को चंदा ना देने की बात कही है। सीरत कमेटी समाज की अपनी कमेटी है, जो समाज के लिए धार्मिक आयोजन आदि के कार्यों का निर्वहन करती है। विभिन्न कार्यो, कार्यक्रमो में शहर को सजाया जाता है, रैलियाँ निकाली जाती है। समाज के कार्यों में जो खर्च आता है, उस खर्च का वहन समाज के छोटे-छोटे चंदों से ही आता है। जिसका हिसाब-किताब प्रति वर्ष सार्वजनिक बैठक करके समाज के लोगों को जानकारी दी जाती है और शहर की सारी मस्जिदों में चस्पा कर दिया जाता है। यही सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है। एखलाक खान के चंदा न दिये जाने की बात को आवाम ने नकार दिया है।
हाजी एखलाक खान द्वारा मरकज़ी सीरत कमेटी को भंग किये जाने की भ्रामक जानकारी मिडिया के माध्यम से समाज के बीच दी गई है। जबकि 11 अगस्त 2023 की बैठक में शहर की आवाम ने मिर्जा आसिफ बेग के पूर्व कार्यकाल में कार्यो की प्रशंसा करते हुये उन्हें पुनः सीरत कमेटी का अध्यक्ष बनाये जाने पर सहमति दी थी। जिससे नाराज होकर और आसिफ बेग के विरुद्ध एखलाक खान द्वारा लगाये गए आरोपों से फैले हुए रोष से डरकर एखलाक खान मिटिंग से भाग खड़े हुए। उनके चले जाने के बाद मेमन जमात ने बैठक की अध्यक्षता की एवं यह फैसला लिया कि इस वर्ष मिलादुन्नबी सारे मस्जिदों के ईमाम की सरपरस्ती एवं मेमन जमात की सरपरस्ती में निकाली जायेगी। इस पर विभिन्न कमेटियों ने अपना समर्थन दिया है।
मीडिया के माध्यम से मिर्जा आसिफ बेग ने एखलाक खान से पूछे कई सवाल
01. हाजी एखलाक खान जामा मस्जिद के सेक्रेटरी हैं। जामा मस्जिद वक्फ बोर्ड के अधीन है। मस्जिद के आय के विभिन्न स्त्रोत जैसे मस्जिद के दुकान एवं आवामी चंदा है। हाजी एखलाक खान द्वारा मस्जिद के दुकानों को बेचा जा रहा है। किराये की राशियों का गबन किया जा रहा है। जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
02. दादर मस्जिद में कुछ वर्ष पूर्व निर्माण के दौरान क्षेत्र के कुछ नागरिकों ने भूमि को शासकीय बताते हुए आपत्ती दर्ज करायी थी जबकि हाजी एखलाक खान की पारिवारिक सदस्य के द्वारा उक्त जमीन को निजी एवं पट्टे की जमीन बताते हुए पूरे जिले के मुस्लिम समाज को गुमराह कर सड़क पर उतार दिया गया, जिससे शहर का माहौल बिगड़ चुका था उक्त जमीन शासकीय है इस बात की जानकारी हाजी एखलाक खान को पूर्व में ही थी। सवाल :- एखलाक खान ने समाज के लोगों को दंगे की आग में क्यो झोंका ? सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार दादर मस्जिद के संबंध में शासन-प्रशासन न्यायालय के कुछ फैसले पारित हुए हैं। उक्त सवालों की जानकारी हमें नहीं है।
शासन-प्रशासन, न्यायालय का जो भी निर्णय होगा उसमें हमारी सहमति होगी। सवाल :- क्या एखलाक खान इस निर्णय से सहमत होंगे ?
03. कुछ वर्ष पूर्व एखलाक खान लुतरा शरीफ दरगाह के अध्यक्ष हुआ करते थे। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने हाजी एखलाक खान के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए अध्यक्ष पद से हटाते हुए लगभग 36 लाख के घोटाले का आरोपी बनाया। धार्मिक स्थल कमाई का साधन है ? एखलाक खान ने इतना बड़ा घोटाला (गबन) करके समाज के लोगों का
सर झुका दिया है।
04. जामा मस्जिद कोरबा वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति है। यूथ मुस्लिम कमेटी कोरबा द्वारा जामा मस्जिद कोरबा के सदर व सेक्रेटरी से जामा मस्जिद के आय-व्यय बचत की जानकारी मांगी गई थी परन्तु आज दिनांक तक सदर एवं सेक्रेटरी द्वारा जानकारी नहीं दी गई है।
सवाल: क्या जामा मस्जिद सदर व सेक्रेटरी की निजी सम्पत्ति है ? समाज को सार्वजनिक हिसाब देने से इतना डर क्यों ? क्या यह भी लुतरा शरीफ की तरह गबन का मामला है ?
05. विगत 17 वर्षों से एखलाक खान मुस्लिम समाज के स्वयंभू अध्यक्ष बने हुए थे। इनके अध्यक्ष रहते हुए समिति द्वारा समाज को कोई सुविधा, नियम कानून, अनुशासन नहीं दिया गया और न ही कोई चुनावी व्यवस्था लागू की गई। समय के साथ लोग जागरुक होते गए एवं लोगों को इनकी कथनी और करनी में अंतर समझ आने लगा और अपनी सामाजिक जमीन बचाने के लिए एखलाक खान ने मरकज़ी सीरत कमेटी के अध्यक्ष मिर्जा आसिफ बेग (निशू) के ऊपर गंभीर आरोप लगाया ताकि समाज के लोग गुमराह हो जाएं।
सवाल: क्या एखलाक खान को लुतरा शरीफ से गद्दी छीन जाने के बाद कोरबा से भी सामाजिक जमीन खिसकते नजर आ रही है?
06. एखलाक खान से मिर्जा आसिफ बेग (निशू) के ऊपर हिसाब-किताब नहीं देने का आरोप लगाया। जबकि मिर्जा आसिफ बेग (निशू) ने सार्वजनिक बैठक करके मरकज़ी सीरत कमेटी का हिसाब-किताब उस बैठक में मौखिक रूप से दिया है एवं मस्जिदों में अवलोकन हेतु चस्पा कर दिया है। इस प्रकार पब्लिकली झूठ बोल कर एखलाक खान क्या मिर्जा आसिफ बेग (निशू) को बदनाम कर रहे हैं? या स्वयं बेनकाब हो रहे हैं?