कोरबा (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद जिला कोरबा के द्वारा आदिवासी शक्तिपीठ, बुधवारी बाजार कोरबा में 5 नवंबर, रविवार सुबह 9.00 से 11:00 बजे पूजा, दोपहर 12:00 बजे भोग भंडारा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है।
संगठन के पदाधिकारी ने कार्यक्रम को लेकर चर्चा करते हुए बताया कि वर्षा ऋतु के दौरान भाद्र महीने के शुक्ल पक्ष में खेतों में धान की नई फसल, विशेष रूप से जल्दी पकने वाले धान में बालियां आने लगती हैं। तब नई फसल के स्वागत में नवाखाई का आयोजन होता है। इस दिन फसलों की देवी अन्नपूर्णा सहित सभी देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है। नये धान के चावल को पकाकर तरह-तरह के पारम्परिक व्यंजनों के साथ घरों में और सामूहिक रूप से भी नये अन्न का भोज बड़े चाव से किया जाता है। सबसे पहले आराध्य देवी-देवताओं को भोग लगाया जाता है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद ‘नवाखाई ‘होता है। इस दिन के लिए ‘अरसा पीठा’ व्यंजन विशेष रूप से तैयार किया जाता है
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संगठन से जुड़े हुए लोगों ने कोरबा के समस्त आदिवासी समाज से अधिक से अधिक संख्या पर उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण करने आग्रह किया है।
आदिवासी समाज के द्वारा नवाखाई का कार्यक्रम आदिवासी शक्तिपीठ बुधवारी कोरबा में; 5 नवंबर को
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