रायपुर (आदिनिवासी)। अखिल भारतीय किसान सभा ने देश मे अन्याय और भेदभाव के खिलाफ लड़ने वाले सामाजिक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही गिरफ्तारियों को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ विभिन्न जनसंगठनों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से देशव्यापी साझा अभियान चलाने की घोषणा की है। इन गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा करते हुए किसान सभा ने आरोप लगाया है कि मोदी शासन में इन कार्यकर्ताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने बताया कि मोदी राज में तीस्ता सीतलवाड़, आनंद तेलतुम्बुले, गुलशिफा, गौतम नवलखा, शोमा सेन, उमर खालिद, साईबाबा, एम जुबैर जैसे कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, विद्वानों, पत्रकारों, शिक्षाविदों, वकीलों और सीएए विरोधी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां की गई हैं, जबकि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता। इन गिरफ्तारियों की कड़ी निंदा करते हुए किसान सभा ने इन्हें तुरंत बिना शर्त रिहा करने और तब तक इन्हें ‘राजनैतिक बंदी’ का दर्जा देने की मांग की है। किसान सभा ने कहा है कि सरकार को इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के संविधानप्रदत्त नागरिक अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
किसान सभा नेताओं ने बताया कि इस देशव्यापी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में भी संयुक्त रूप से एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हस्ताक्षर और पोस्टकार्ड अभियान भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इस देशव्यापी अभियान में ऑल इंडिया यूनियन ऑफ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल, पीपल्स साइंस मूवमेंट, अखिल भारतीय क्रांतिकारी छात्र संगठन, समाजवादी लोक मंच, अखिल भारतीय कबड्डी मजदूर महासंघ जैसे कई संगठन और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता शामिल हैं।
सामाजिक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ साझा अभियान चलाएगी किसान सभा और अन्य जन संगठन
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