7 दिनों के भीतर पटवारी दर्ज करेंगे आवेदन, समय पर राहत देने का उद्देश्य
कोरबा (आदिनिवासी)| कोरबा जिले में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को समय पर सहायता पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में जिले के एनआईसी विभाग द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, जो आरबीसी 6-4 के प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने का काम करेगा।
ऑनलाइन पोर्टल: राहत प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति
नया पोर्टल आपदा से प्रभावित परिवारों को शीघ्र राहत राशि दिलाने में सहायक होगा। पोर्टल में किसी नई घटना के दर्ज होने के बाद अधिकतम दो माह के भीतर आवेदन का पूर्ण निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक प्रकरण के विभिन्न चरणों की स्थिति की जानकारी भी ऑनलाइन प्रदर्शित होगी, जिससे उच्च अधिकारी इसकी नियमित मॉनिटरिंग कर सकेंगे।
कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि “प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित परिवारों को शीघ्र राहत दिलाने के लिए पोर्टल को विकसित किया गया है।” उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को पोर्टल का उपयोग करने में दक्षता प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं, ताकि उनके कार्यालयों में यह प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो सके।
प्रभावी समन्वय से होगी दस्तावेजों की समय पर उपलब्धता
कलेक्टर ने विभागीय समन्वय पर जोर देते हुए यह सुनिश्चित किया कि सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे जनपद से मृत्यु प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य विभाग से पोस्टमार्टम रिपोर्ट, और पुलिस विभाग से अंतिम जांच रिपोर्ट समय पर उपलब्ध हो सकें। इस प्रक्रिया में एसडीएम को अपने क्षेत्र के पोर्टल में दर्ज सभी आवेदनों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए गए हैं।
सरल आवेदन प्रक्रिया: ग्राम स्तर से ही होगी शुरुआत
इस पोर्टल की आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। प्राकृतिक आपदा के तहत मृत व्यक्ति के परिवार को राहत देने की शुरुआत ग्राम स्तर से होगी, जहां सम्बंधित ग्राम का पटवारी घटना के 7 दिनों के भीतर आवेदन पोर्टल में दर्ज करेगा।
पोर्टल में आवेदन दर्ज होने के बाद, आवेदन तहसीलदार के सेक्शन में प्रदर्शित होगा। तहसीलदार को अधिकतम 10-15 दिनों में प्रकरण का निराकरण कर इसे एसडीएम स्तर पर प्रेषित करना होगा। इसके बाद, एसडीएम द्वारा जांच कर मामला अपर कलेक्टर के सेक्शन में भेजा जाएगा, जिससे इस प्रक्रिया में लगने वाले समय में निश्चित रूप से कमी आएगी और प्रभावित परिवारों को जल्दी से जल्दी राहत मिल सकेगी।
अनावश्यक भागदौड़ से मिलेगी राहत
इस पोर्टल की सहायता से प्रभावित परिवारों को कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, आरबीसी 6-4 के अंतर्गत प्राप्त होने वाली सहायता राशि के लिए भी उन्हें अनावश्यक परेशानी नहीं होगी। कलेक्टर के निर्देशानुसार, तहसील कार्यालयों में पहले से दर्ज ऑफलाइन प्रकरणों की भी एंट्री पोर्टल में सुनिश्चित की जाएगी, ताकि सभी मामलों का डिजिटल ट्रैक रिकॉर्ड मौजूद हो।
कोरबा जिले में इस डिजिटल पहल से प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने में न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रक्रिया भी पारदर्शी और सरल बनेगी। कलेक्टर अजीत वसंत के नेतृत्व में इस पोर्टल का सफल क्रियान्वयन जिला प्रशासन की कार्यक्षमता में वृद्धि करेगा और प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए राहत प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद की जा रही है