निजी टीवी चैनलों के विस्फोट से पहले के दौर का भारतीय टेलीविजन जिसे भी याद होगा, उसे ‘‘टीपू सुल्तान’’ (वास्तव में टीपू सुल्तान की तलवार) सीरियल जरूर याद होगा। अकबर खान और संजय खान द्वारा निर्देशित यह धारावाहिक, 1990...
अमरीका में जब एक काले नागरिक पर जुल्म होता है तो वहां के गोरे हजारों-लाखों की संख्या में सड़क पर उतर जाते हैं लेकिन हमारे देश में उच्च जाति के लोग दलितों पर हो रहे अत्याचारों के मूकदर्शक बने...
प्रिय साथियों, 1936 में जब लाहौर के जाति पाति तोड़क मंडल ने बाबा साहेब डॉ आंबेडकर को पहले, सभापति के रूप में आमंत्रित किया और फिर भारत की क्रूर जाति व्यवस्था और अमानवीय हिंदुत्व के बारे में उनके...
खुश होना सहज इंसानी गुण है, प्रसन्नता मानवीय स्वभाव है ; बल्कि सही कहा जाए, तो उसकी जरूरत भी है, पहचान भी है। वर्ग विभाजित समाज में ज्यादातर लोगों के हिस्से में खुशियां नहीं आती। मगर हजार मुश्किलें...
व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा
देखी, देखी, छद्म सेकुलरवालों की चालबाजी देखी! रामनवमी गुजरी नहीं कि आ गए एक बार फिर रामभक्तों को गुमराह करने। कहते हैं कि जैसे बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मप्र, गुजरात वगैरह, कम से कम आठ राज्यों में...
नया पंजीयन कराने और पंजीयन का नवीनकरण कराने की कोई आवश्यकता नही है.
रायपुर (आदिनिवासी)। कुछ स्थानों से ऐसी सूचना मिली है कि रोज़गार कार्यालयों में पंजीयन कराने के लिये बहुत सारे लोगों की भीड़ लग रही है, जिसके कारण...
सन 1995 तथा अब सन 2017 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि हिंदू कोई धर्म नहीं है।
साथियों, आजकल हिन्दू हिन्दू हिन्दू हिन्दू , आप जिधर देखो उधर हिन्दू या हिन्दुस्तान ! यही...
भले ही सत्तारूढ़ पार्टी ने संसद में विपक्षी दलों के किसी भी हस्तक्षेप को रोका हो, लेकिन उसने बिना चर्चा के सरकारी कामकाज को आगे बढ़ाना जारी रखा। इनमें से एक था वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में संशोधन के...
व्यंग : राजेंद्र शर्मा
भाई! विरोधियों की ये तो सरासर बेईमानी है। जब मोदी जी-शाह जी एनआरसी ला रहे थे, तब क्या हुआ था, वह याद है या नहीं? सरकार बेचारी समझा-समझा के हार गयी, पर विरोधियों ने पब्लिक...
व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा
अब तो विरोधियों को भी मानना पड़ेगा कि मोदी जी ने वाकई पूरी दुनिया में इंडिया का डंका बजवा दिया है। सिर्फ पीएम मोदी ही नहीं, मोदी सरनेम वाले दूसरे कई लोग भी, इंडिया का...