शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024

चर्चा-समीक्षा

आरक्षण और आदिवासी

आरक्षण जैसे विषय पर आदिवासी समाज में गहन अध्ययन करने से ज्ञात होगा कि, आरक्षण से प्राप्त होने वाले सभी सँवैधानिक लाभों को अधिकाँश आदिवासी यही समझता है कि यह सबकुछ उसे सरकार की कृपा से मिल रहा है।ऐसा...

राष्ट्रपति पद के अवमूल्यन के खिलाफ भी होगा यह चुनाव

भाजपा ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का नाम तय करने के साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि वह अपने इस चयन को "पहली बार किसी आदिवासी को और उस पर आदिवासी महिला को राष्ट्रपति...

शर्म-निरपेक्ष गिरोह की वजह से दुनिया में शर्मसार होता धर्मनिरपेक्ष भारत

यह टिप्पणी जुमे को हुए उपद्रवों से पहले लिखी गयी है। हालांकि जुमे के दिन हुए प्रदर्शनों ने और उनमें, उनके बहाने घटी हिंसक वारदातों से इस टिप्पणी में कुछ भी परिवर्तित करने योग्य नहीं घटा, सिवाय इसके कि...

सिलगेर, हसदेव और टिकैत: हमलों के अंतर्संबंध

छत्तीसगढ़ के हसदेव का अरण्य और कर्नाटक के बंगलूरू का गांधी भवन एक-दूसरे से काफी दूर है दोनों की ज्योग्राफी एकदम अलग है, मगर 30 मई के दिन यह जिन खबरों के लिए चर्चा में आया, उनकी क्रोनोलॉजी और...

सिलगेर: कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ आदिवासियों का प्रतिरोध आंदोलन

वास्तव में यह नरसंहार प्राकृतिक संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट को सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रायोजित जनसंहार था और कांग्रेस सरकार इसकी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती. छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर में बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव...

कॉरपोरेटी मुनाफे के यज्ञ कुंड में मनु के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

02 तथा 03 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के गाँव सिमरिया में जो हुआ, वह बहुत ही भयानक था। 02 तथा 03 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के गाँव सिमरिया...

जाति है और उसे बचा कर रखा गया है, हमें उसको खत्म करना होगा: दीपंकर भट्टाचार्य

हर जाति के अंदर कुछेक एकदम दलित-गरीब जातियों को छोड़ दीजिए- तो बाकी करीब-करीब सभी जातियों के अंदर आपको पूंजीपति न भी मिले, तो सत्ता के दलाल जरूर मिलेंगे. यहां एक बात एकदम स्पष्ट हो जानी चाहिए कि अगर...

बुलडोज़र के डंके में बज रहा है भारत का डंका

(व्यंग : राजेंद्र शर्मा) बताइए, बुलडोजर चला हिंदुस्तान में। और लंदन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन से सवाल पूछे जा रहे हैं, और वह भी संसद में!और तर्ज यह कि कौन मान सकता है कि उन्हें हाल के भारत के दौरे...

आवाजों से भी कहीं ज्यादा ताकतवर थी वो खामोशियां

एक दिन आएगा जब हमारी खामोशी उन आवाजों से भी ज्यादा ताकतवर साबित होगी जिन्हें तुम आज दबा रहे हो। हेमार्केट के शहीदों के नाम बने स्मारक पर ये शब्द पत्थर में तराशे हुए आज भी दुनिया के मजदूरों...

क्या अब शिष्ट होना भी गुनाह है?

नानी याद आने की कहावत थोड़ी अतिरंजित है, असल में तो अम्मा याद आती है। आज हमें अम्मा याद आ गयी। अम्मा हमारी बिना पढ़ी-लिखी थी -- गेरुआ वस्त्र धारी साधू के घर में एक के बाद (हमारी भाषा में...

Latest News

खेल के मैदान पर महिलाओं का परचम: रायगढ़ में महिला खेलकूद प्रतियोगिता संपन्न!

खिलाड़ियों ने दिखाया साहस और कौशल, नए कीर्तिमान स्थापित किए रायगढ़| कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में रायगढ़ स्टेडियम, बोईरदादर...