सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें आर्य समाज मंदिर में शादी करना मुश्किल हो गया है. अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में विस्तृत सुनवाई कर आदेश देगा. आमतौर पर लोग जब घर से भाग कर शादी करते हैं तो आर्य समाज मंदिर जाते हैं. वहां हिंदू रीति रिवाज से कोई भी हिंदू शादी कर सकता है. मंदिर से उन्हें शादी का सर्टिफिकेट भी मिल जाता है, जो अदालत में भी मान्य होता है.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ये फैसला दिया की आर्य समाज मंदिर को स्पेशल मैरिज एक्ट के प्रावधानों को मानना होगा. यानी शादी से पहले वर और वधू के माता पिता, संबंधित थाना और पांच दोस्तों या रिश्तेदार को सूचना देनी होगी. शादी से पहले दोनों परिवार को नोटिस भी भेजना होगा. आर्य समाज सभा ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सभा का कहना है की हाई कोर्ट का फैसला हिंदू मैरिज एक्ट में दखल है.
दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ ने बीते साल 17 दिसंबर को एकल पीठ के साल 2020 के 9 दिसंबर को दिए उस आदेश को सही ठहराया था, जिसमें शादी का प्रमाणपत्र केवल कानून में अधिकृत सक्षम अथॉरिटी ही जारी कर सकती है. जिसके बाद आर्य समाज संस्था के सेक्रेटरी मध्य भारत आर्य प्रतिनिधि सभा ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी है.