कोरबा (आदिनिवासी)। एक ऐसी घटना जो किसी को भी झकझोर देगी, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सामने आई है। पारिवारिक कलह ने एक परिवार को तबाह कर दिया, जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी की जान ले ली और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। यह घटना श्यांग थाना क्षेत्र के ठेंगरीमार गाँव में हुई, जहाँ एक सामान्य दिन अचानक त्रासदी में बदल गया।
37 वर्षीय जगन्नाथ मंझवार, जो एक मजदूर था, अपनी पत्नी, 12 वर्षीय बेटे और माँ इतवारो बाई के साथ रहता था। सोमवार की शाम को जगन्नाथ और उसकी पत्नी के बीच किसी बात पर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि जगन्नाथ की माँ अपने पोते को लेकर घर से बाहर चली गईं।
जब वे वापस लौटीं, तो उन्होंने एक दृश्य देखा जो किसी के लिए भी अकल्पनीय होगा। उनके बेटे और बहू की लाशें एक ही कमरे में पड़ी हुई थीं। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच से पता चला कि जगन्नाथ ने पहले अपनी पत्नी की हत्या की और फिर खुद आत्महत्या कर ली। घटनास्थल से खून से सने तीर-कमान बरामद किए गए, जो इस बात का संकेत देते हैं कि जगन्नाथ ने अपनी पत्नी की हत्या तीर से की होगी। इसके बाद उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर लिया है और गहन जांच जारी है। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है ताकि वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र किए जा सकें।
यह घटना न केवल एक आदिवासी परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय भी है। यह हमें पारिवारिक संबंधों की नाजुकता और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझने पर मजबूर करती है।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारे समाज में पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए पर्याप्त सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध है? यह घटना हमें याद दिलाती है कि संवाद और समझ की कमी कितनी भयावह परिणति ला सकती है।
अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रहे हैं और जल्द ही इस त्रासदी के पीछे के कारणों का खुलासा करेंगे। इस बीच, स्थानीय समुदाय इस परिवार के बचे हुए सदस्यों, विशेषकर उस 12 वर्षीय बच्चे के लिए दुःख व्यक्त कर रहा है, जिसने एक ही दिन में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया।