कोरबा/दीपका (आदिनिवासी)। आयोजन की शुरुआत में, गांव के प्रमुख सियान ठाकुरदेव और मरकी माता देवस्थल पर अर्जी विनती करने गए. इसके बाद, महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण किया गया और आदिवासी संस्कृति के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में प्रमुख्य अतिथि के रूप में शत्रुहन श्याम फॉरेंसिक साइंटिस्ट जगदलपुर (छ.ग), भूपेश दीवान तखतपुर सीएमओ और लवकेश कंवर दीपका सीएमओ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
फॉरेंसिक साइंटिस्ट शत्रुहन श्याम ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा समाज में सबसे महत्वपूर्ण चीज है. उन्होंने कहा कि शिक्षा से हम अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को शिक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए और अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए.
सीएमओ लवकेश कंवर और तखतपुर सीएमओ भूपेश दीवान ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लिए शिक्षा और जागरुकता बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षित और जागरूक होकर ही हम अपने समाज को बेहतर बना सकते है। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति समृद्ध है और हमें इसे संरक्षित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति में कई तरह के रीति-रिवाज और परंपराएं हैं जो हमें सीखने और अपनाना चाहिए।
गांव के युवा बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर उनके आयोजन को अनोखे अंदाज़ में सजाकर प्रस्तुत किया।
गांवों के शिक्षाविद विनीता कोर्राम और CHO अंजलि कोर्राम ने भी इस आयोजन में अपनी बात रखी। विनीता ने कहा की बच्चों का प्रथम पाठशाला उनका घर होता। इसलिए माता पिताओं को सचेत किया की उनका गलत व्यवहार बच्चों को गलत दिशा में ले जाता है। इसलिए उन्होंने लोगों को तथा बच्चों के अविभावको को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में बताना चाहिए और उन्हें अच्छे संस्कार देना चाहिए। अंजलि ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते रहना चाहिए और लोगों को शिक्षा और चिकित्सा के लिए जागरूक किया। विनीता और अंजलि की बातों से ग्रामीणों को बहुत प्रेरणा मिली।
कार्यक्रम में मणिपुर में आदिवासियो के साथ हुई बर्बरतापूर्ण घटना और आदिवासियों पर हो रहे हिंसा पर बीजेपी सरकार का असंवेदनशील रवैया पर ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किए।
गांव के सरपंच सुनीता कोर्राम, उप सरपंच विजय श्याम, गांव बैगा भवन सिंह कोर्राम, प्रमुख सियान मुकुत राम आयाम, मातादीन कोर्राम, भैयाराम आयाम, मिलन पोर्ते, रायसिंह प्रकाश कोर्राम, दीपक श्याम, सतीश कोर्राम, रणबहादुर कोर्राम, अनुज कोर्राम, कुमार कोर्राम, सुनील श्याम, कमलेश, मधुमालती कोर्राम, गिरजा कोर्राम, अमित कोर्राम, अनिल कोर्राम और अन्य ग्रामीणों ने भाग लिया।