धरती आबा की जयंती पर दो दिवसीय महोत्सव की तैयारियां जोरों पर
रायपुर (आदिनिवासी)। आदिवासी महानायक बिरसा मुंडा की पावन स्मृति में छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर सजने-संवरने को तैयार है। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में 14-15 नवंबर को होने वाला जनजातीय गौरव दिवस समारोह इस वर्ष विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह आदिवासी समाज की समृद्ध विरासत और उनके योगदान को नई पहचान देने का प्रयास है।
आदिवासी विरासत का संरक्षण और सशक्तिकरण
आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम के विशेष मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के कोने-कोने से आदिवासी समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने सभी जिला प्रशासनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं।
समग्र विकास का रोडमैप*
इस वर्ष का विशेष फोकस है:
– सामाजिक और आर्थिक विकास
– आजीविका और उद्यमिता को बढ़ावा
– कला-संस्कृति का संरक्षण
– शिक्षा और कौशल विकास
– स्वास्थ्य और जीवन शैली में सुधार
आदिवासी गौरव की अनूठी पहल
छत्तीसगढ़, जहां 30.62% आबादी आदिवासी समुदाय की है, में 43 प्रमुख जनजातियां और 162 उपजातियां निवास करती हैं। यह आयोजन इन समुदायों की समृद्ध परंपराओं और संस्कृति को संजोने का अनूठा प्रयास है।
कार्यक्रम की विशेषताएं
– 17 सरकारी विभागों की सक्रिय भागीदारी
– 25 कल्याणकारी योजनाओं का समावेश
– राज्य स्तरीय संचालन समिति का गठन
– विशेष क्रियान्वयन समिति की स्थापना
आगे का रास्ता
यह आयोजन न केवल एक उत्सव है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान से प्रेरणा देने का माध्यम भी है। यह कार्यक्रम आदिवासी समाज के उत्थान और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
“यह आयोजन हमारी आदिवासी विरासत को सहेजने और नई पीढ़ी को उनके महान पूर्वजों के योगदान से परिचित कराने का अनूठा अवसर है।” – प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा