जहानाबाद (आदिनिवासी)। सावन के पावन महीने में श्रद्धालुओं की आस्था पर ग्रहण लग गया। सोमवार को जहानाबाद के प्रसिद्ध बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में भगदड़ मचने से 7 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह दुर्घटना सावन की चौथी और आखिरी सोमवारी पर हुई, जब हजारों श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा के लिए मंदिर पहुंचे थे।
क्या थी घटना?
– सुबह से ही मंदिर परिसर में भारी भीड़ जमा थी।
– अचानक भगदड़ मचने से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।
– कई लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
– घायलों को तत्काल जहानाबाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
प्रशासन की कार्रवाई
– मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीमों ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
– एसडीओ विकास कुमार ने कहा कि घटना की जांच के बाद ही आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।
– रविवार रात से ही विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिसमें सिविल, मजिस्ट्रेट और मेडिकल टीमों की तैनाती शामिल थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
– कुछ लोगों ने प्रशासन पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया, जिससे भगदड़ मची।
– एक गवाह ने बताया कि पहाड़ी पर पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच बहस के बाद लाठीचार्ज हुआ, जिससे लोग भागने लगे।
– घटनास्थल पर एनसीसी के जवान मौजूद थे, लेकिन बिहार पुलिस की कमी महसूस की गई।
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना बड़े धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा प्रबंधन की महत्ता को दर्शाती है। भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कुछ सुझाव:
1. भीड़ प्रबंधन की उन्नत तकनीकों का उपयोग।
2. पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती।
3. आपातकालीन निकास मार्गों की स्पष्ट योजना।
4. श्रद्धालुओं के लिए समय-आधारित प्रवेश प्रणाली।
5. स्थानीय समुदाय और मंदिर प्रबंधन के साथ बेहतर समन्वय।
इस घटना ने एक बार फिर याद दिलाया है कि आस्था के साथ-साथ सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। प्रशासन और नागरिकों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ, ताकि श्रद्धालु बिना किसी भय के अपनी आस्था का प्रदर्शन कर सकें।