पुणे (आदिनिवासी)। अखिल भारतीय किसान महासभा के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पुणे में आयोजित पहली बैठक में आज 9 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और 13 राष्ट्रीय सचिवों को चुना गया है। महाराष्ट्र के पुणे में अखिल भारतीय किसान महासभा (एआइकेएम) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक आज शाम समाप्त हुई। बैठक में जय प्रकाश नारायण, प्रेम सिंह गहलावत, सुभाष काकुस्ते, फूलचंद ढेवा, अरुण सिंह, मंजू प्रकाश, बीएन सिंह, शिव सागर शर्मा, कार्तिक पाल को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुना गया है।
बैठक में 13 राष्ट्रीय सचिवों का भी चुनाव हुआ। जिनमें पुरुषोत्तम शर्मा, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, अफरोज आलम, गुरनाम सिंह भिखी, सुदामा प्रसाद, चंद्र मोहन, राम आधार सिंह, राजकुमार यादव, जयतु देशमुख, डी हरीनाथ, किशोर धमाले, राजेंद्र बावके, रामचंद्र कुलहरि शामिल हैं। राष्ट्रीय सचिवों में पुरुषोत्तम शर्मा को प्रचार, सुदामा प्रसाद को संगठन और राम आधार सिंह को वित्त की जिम्मेदारी दी गई है।
किसान महासभा ने आदिवासियों, वन भूमि पर बसे गरीबों व पर्वतीय क्षेत्र के किसानों के वनाधिकार पर हमला करने के उद्देश्य से वन कानून 1927 में किये जा रहे बदलाव का विरोध किया है। साथ ही आदिवासियों को उनके परम्परागत अधिकारों के साथ ही भूमि अधिकार देने की मांग की है। बैठक ने पंजाब के फिरोजपुर स्थित जीरा में शराब फैक्ट्री पर चल रहे किसानों के धारावाहिक आंदोलन पर पुलिस लाठीचार्ज की निंदा करते हुए पानी में जहर घोलने वाली फैक्ट्री के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। बैठक में किसान आंदोलन का साथ देने वाले पंजाबी गायक कंवर ग्रोवेल, रणजीत बाबा के घरों में आयकर छापे की निंदा करते हुए इसे बदले की कार्यवाही करार दिया है।
बैठक में शामिल होने के लिए पंजाब, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आंध्रा प्रदेश समेत देश के 18 राज्यों से 50 प्रमुख किसान नेता पुणे पहुंच थे। बैठक की अध्यक्षता किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और चर्चित किसान नेता कामरेड रुलदू सिंह मानसा, महासचिव राजा राम सिंह, वरिष्ठ नेता देवेन्द्र सिंह चौहान, फूलचंद ढेवा, सुभाष काकुस्ते, जय प्रकाश ने की।
बैठक का आयोजन महानगर पालिका कामगार यूनियन पुणे के कार्यालय श्रमिक भवन में हो रहा था। महाराष्ट्र में कार्यरत श्रमिक शेतकरी संगठना और सत्यशोधक शेतकरी सभा ने संयुक्त रूप बैठक की व्यवस्था की है। महाराष्ट्र के ये दोनों संगठन अखिल भारतीय किसान महासभा के घटक संगठन हैं।
बैठक की जानकारी देते हुए श्रमिक शेतकरी संगठना के अध्यक्ष कामरेड सुभाष काकुस्ते ने कहा कि आज की बैठक में देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों और किसान आंदोलन के वर्तमान दौर पर विस्तार से चर्चा हुई है। बैठक में जीएम बीजों के प्रयोग की अनुमति देने, बिजली बिल 2022 लाने के मोदी सरकार के फैसले का डट कर देशव्यापी विरोध करने पर आम सहमति बनी है। बैठक में एआइकेएम द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के अंदर और भी सशक्त भूमिका निभाने, मोर्चा से बाहर सभी संघर्षरत किसान से संगठनों को संयुक्त किसान आंदोलन से जोड़ने के प्रयास बढाने पर चर्चा हुई।
एआइकेएम की बैठक में कल किसानों की हर फसल के लिए एमएसपी गारंटी कानून लाने, किसानों – ग्रामीण मजदूरों की समस्त कर्ज माफी, आवारा गायों व आवारा कुत्तों से फसलों व जीवन की रक्षा करने, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान में पानी के संकट का स्थाई समाधान तलासने, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, दलितों ग्रामीण गरीबों के बीच ग्राम पंचायत व सीलिंग भूमि का वितरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।