नर्मदापुरम (आदिनिवासी)। समस्त आदिवासी समाज संगठन ने नर्मदापुरम में एक ज्ञापन सौंपा जिसमें 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर अवकाश घोषित करने की मांग की गई। यह ज्ञापन मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय एवं राज्य के मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा गया।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार तथा उनकी सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह दिवस घोषित किया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि आदिवासी समुदाय अपने मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक और एकजुट हो सकें।
वर्ष 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रदेश में इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था और प्रदेश भर में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। समस्त आदिवासी समाज की मांग है कि इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए ताकि आदिवासी समुदाय इस दिन को धूमधाम से मना सके।
इस मौके पर जिला आबकारी विभाग के अधिकारी अरविंद सागर से भी मुलाकात की गई, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही अवैध शराब की दुकानों को बंद करने तथा शहर की मदिरा दुकानों को भी बंद करने की मांग की गई।
इस ज्ञापन के दौरान प्रमुख रूप से आकाश कुशराम, लक्ष्मण परते, अजय सरयाम, अभिषेक उईके, देव कुशराम, सुरेश सरयाम (कक्का), सक्ती सिंह मरकाम, बीएल इवने, विनोद बड़ीवा, शंकर उईके, कंछेदी उईके, सतीष परते, ईश्वर दास उईके, आदित्य उईके, रामनाथ परते, तुलसीराम भल्लावी, और विनोद इवने आदि उपस्थित थे।
समस्त आदिवासी समाज संगठन ने अपनी मांग को जोरदार तरीके से प्रस्तुत किया और उम्मीद जताई कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी और 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित करेगी।