शनिवार, जुलाई 27, 2024

मरना है तो आदिवासियों के बीच ही मरूंगा: हिमांशु कुमार

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आदिवासियों की हत्या के आरोपियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती सरकार?

छत्तीसगढ़ (आदिनिवासी)। मेरे पास सुकमा के सिंगारम गाँव से आदिवासी युवक रामबाबू का फोन आया कि मडकम मुदराज ने राशन की दुकान से चावल लेने गए हमारे गाँव के चार लोगों को थाने में ले जाकर डंडों से मारा है और रामबाबू की हत्या करने की धमकी दी है।

रामबाबू गोमपाड के आदिवासियों को लेकर दिल्ली गये थे।

इस वजह से मडकम मुदराज रामबाबू की हत्या करना चाहता है।

कौन है यह मडकम मुदराज ?

मडकम मुदराज पहले एक गुंडा था जिसे पुलिस ने अपने साथ मिला लिया।

पहले उसे विशेष पुलिस अधिकारी बनाया फिर डीआरजी में शामिल किया अब वह थानेदार रैंक का अधिकारी है हांलाकि वह निरक्षर है। उसने कभी कानून संविधान मानवाधिकार आदि का नाम भी नहीं सुना है।

लक्ष्मी की उन्नीस साल की बेटी को घर से खींच कर ले जाकर उसके साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या करने वाले पुलिस अधिकारी का नाम है मडकम मुदराज।

वही लक्ष्मी जो इसी साल जुलाई में दिल्ली आई थी और उसने अपनी दर्द भरी कहानी भरी सभा में सुनाई थी।

गोमपाड गाँव में 16 आदिवासियों की हत्या में भी शामिल था यही पुलिस अधिकारी मडकम मुदराज।

सिंगारम में 19 आदिवासियों की हत्या में भी नामजद आरोपी है यही पुलिस अधिकारी मडकम मुदराज।

सामसेट्टी गाँव की लड़कियों के साथ बलात्कार में भी नामजद है मडकम मुदराज।

सैंकड़ों शिकायतों मुकदमों मानवाधिकार हनन की फरियादों के बावजूद इसके ऊपर कोई जांच कोई कार्यवाही कोई स्थानांतरण नहीं किया जाता।

कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल मंच पर मडकम मुदराज की पीठ थपथपा कर आये हैं।

दो सप्ताह बाद मैं गोमपाड़ गाँव में रहने जा रहा हूँ उन गाँव वालों को सुप्रीम कोर्ट जाने का अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है।

मैं गाँव वालों के साथ रहने गोमपाड़ जा रहा हूँ क्योंकि मुझे लगता है अगर गाँव वालों पर इसलिए हमला होता है। क्योंकि उन्होनें इन्साफ माँगा तो मुझे नैतिक तौर पर उनके साथ हमला झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि मैंने ही उन्हें कोर्ट जाकर न्याय मांगने के लिए प्रेरित किया था।


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