रविवार, सितम्बर 8, 2024

बिरनपुर साजा बेमेतरा की बर्बर सांप्रदायिक हिंसक घटना की जांच के संबंध में GSS की अगुवाई में सौंपा ज्ञापन

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बेमेतरा (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ को शांति का टापू कहकर, यहां सांप्रदायिक दंगा नहीं होने की बात कहने वाले, कथित धुरंधरों ने छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक नफरत गिरोह की बढ़ती गतिविधियों को नकारने एवं इसे छिपाने की नाकाम कोशिश करने वालों के मुंह को नोचते हुए, *सांप्रदायिक नफरती दंगाइयों ने* छत्तीसगढ़ में अपनी *बर्बर हिंसा का दृश्य* दिखा ही दिया और शासन-प्रशासन लूंजपुंज होकर घिसट रहा है।
अभी-अभी मिल रही खबर के अनुसार कई लोगों की हताहत होने की जानकारी (शासकीय पुष्टि प्राप्त नहीं हुई) आ रही है।
इन सब पर आज दिनांक 11- 04- 2023 को GSS प्रमुख *लखन सुबोध* के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें *श्याममूरत कौशिक* (किसान नेता), *विरेन्द्र भारद्वाज* (LSU महासचिव), *सुकालू कोठारी* (केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य GSS), *अजय अनंत* (केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य GSS), *आशिफ भाभा* (मानवाधिकार सोशल एक्टिविस्ट), शामिल रहे, कलेक्ट्रेट में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

कलेक्टर, एसपी की अनुपस्थिति से प्रतिनिधिमंडल का उनसे भेंट- चर्चा नहीं हो पाई इसलिए ज्ञापन पत्र को कलेक्ट्रेट ऑफिस में सौंपा गया। ज्ञापन पत्र में उल्लेखित किया गया है कि :-

1. कि, ग्राम बिरनपुर थाना साजा जिला बेमेतरा (छ.ग) में दिनांक 08- 04- 2023 को दो स्कूली बच्चों (10-12 वर्षीय) के बीच आपसी झगड़ा हुआ। इन बच्चों में झगड़ा किसी धर्म- जाति के सवाल पर नहीं, सामान्य प्रसंग पर हुआ और इस झगड़े में एक बच्चे के हाथ की कोहनी में गिरने से कांच के टुकड़े से चोट लगी।

2. कि, यह एक ऐसा वाक्या था कि, इस तरह की घटना जहां कहीं होता भी है तो, गांव वाले ऐसे आपसी विवाद का निपटान कर लेते है। और ऐसा यहां भी हुआ। चोट खाए बच्चे के इलाज- देखरेख में जिस बच्चे के द्वारा चोट करना आरोपित था. उसके माता- पिता ने उनका इलाज कराया और अपने बच्चे के किए गलती के लिए माफी मांगा। इस पर ग्रामीणों में अमन- समझाइश कर मामला समाप्त हो गया।

3. कि, इस वाक्यात पर ऐसे लोगों की नजर पड़ी जो अमन पसंदगी के बदले आग में घी डालने का काम करते हैं, वे सक्रिय हो गए।

4. कि, देश मे जिस तरह से धार्मिक नफरत- तनाव पैदा करनेवाले तत्व संगठित रूप से ऐसा प्रयास कर रहे हैं। ऐसे तत्वों से प्रभावित- संचालित लोगों ने इस घटना में हिन्दू- मुस्लिम एंगल ढूंढ लिया। झगड़े हुए बच्चों में एक जो चोटिल हुआ था. वह हिन्दू (जाति साहू) और जिस पर चोटिल करने का आरोप था वह मुस्लिम निकला।

5. कि, इससे विध्वंसकारी तत्वों ने अपना ताना- बाना बुना और बलवा- हत्या और पुलिस पर हमला हो गया।

6. कि, इन घटनाओं पर हमारी स्पष्ट राय व शासन से मांग है कि, जो भी अपराध में लिप्त रहे हों, वे चाहे जिस किसी भी जाति- धर्म, राजनैतिक- सामाजिक पद- प्रतिष्ठा में हो, पर सख्त कार्यवाही की जाए।
लेकिन इस घटना को सांप्रदायिक रूप देकर झूठी मनगढ़न्त अपवाह व्यापक स्तर पर फैलानेवाले, अपने राजनैतिक हित साधने में धर्म को सामने रखकर राजनैतिक करने वालों पर भी कठोर कार्यवाही किया जावे।

7. कि, इसके लिए एक SIT या न्यायिक जांच आयोग गठित किया जाए। हमें यह जानकारी मिल रही है कि, मुस्लिम परिवारों के लोग पुलिस में रिपोर्ट लिखाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सुरक्षा के नाम पर घरों से नहीं निकलने दिया जा रहा है।

8. कि, शांति- व्यवस्था के लिए लोगों को सुरक्षा देना तो ठीक है, लेकिन इसके तहत घरों में बंद लोग अपनी रिपोर्ट पुलिस को ना लिखा सके, यह भी कानून का उल्लंघन होगा।
*अतएव ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे रिपोर्टकर्ता/ शिकायतकर्ता, सुरक्षित अपनी रिपोर्ट- शिकायत पुलिस में दर्ज करा सके।*

9. कि, इस गांव के मुस्लिम परिवारों पर यह आरोप प्रचारित किया जा रहा है कि, “ये लोग “लव जिहाद” फैला रहे हैं और इस जिहाद में कई हिन्दू (साहू) लड़कियों को “फंसा” चुके हैं और आगे भी फंसायेंगे।”
ऐसा इजहार/ प्रचारित करना सरासर सांप्रदायिक नफरत- तनाव बढ़ाना माना जाना चाहिए। यदि कहीं पर अंर्तधार्मिक/ अंर्तजातीय विवाह हुआ है या होता है तो यह निन्दाजनक नहीं प्रशंसनीय है। इस पर सरकार को सामने आकर कहना चाहिए कि, यह विवाह जहां कहीं हुआ है तो वह कानूनी एवं संविधान के मंशानुरूप प्रशंसनीय कार्य है।
और यदि कहीं जोर- जबरन से विवाह हुआ है, तो सरकार ऐसे लोगों को गिरफ्तार करें या ऐसा नहीं हुआ है, तो सरकार उन लोगों को गिरफ्तार करें जो कथित “लव जिहाद” होने का प्रचार करते माहौल में सांप्रदायिक तनाव का जहर फैला रहे है।

10. कि, जिस तरह से, कहीं पर बारूद का ढेर जमा और वहां पर छोटी सी चिंगारी फेंक दें, तो विस्फोट होना तो लाजमी है। उसी तरह सांप्रदायिक नफरती जहर फैलाने वाले संगठित गिरोह, जो अपने नाम में भलमनसाहत दिखने का तमगा लगाए रहते है, लेकिन वे बारूद बिछाए विस्फोट कर राजनैतिक सत्ता पाने के लिए चिंगारियों को सुलगाने में लगे हुए हैं।
इसलिए ऐसे तत्वों को पहचान कर उन पर कठोर से कठोर कार्यवाही किया जाए एवं व्यवहारिक भौतिक रूप से शांति स्थापना को चिरस्थायी बनाने के लिए सरकार एवं लक्ष्यप्राप्ति सिध्दांत निष्ठ- स्वयंसेवी- सामाजिक- राजनैतिक संस्थाओं के लोगों का टास्क फोर्स बनाया जाय।
[ इस ज्ञापन को लिखते- प्रस्तुत करते- करते इस घटनाक्रम में और एकाधिक हत्याओं की खबरें मिल रही थी। लेकिन खबर की पुष्टि के अभाव में ज्ञापन में इस वाक्यात का जिक्र नहीं हैं। ]
हम, प्रशासन और आम जनों से अपील करते हैं कि, फौरीतौर पर इनके दोषियों को चिन्हित करने एवं सामाजिक सौदाई स्थापित करने में आगे आऐं और सम्पूर्णतथ्य घटनाक्रम- हादसों की जांच के लिए *उच्चस्तरीय न्यायिक जांच आयोग* गठित किया जाय।


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