गुरूवार, नवम्बर 21, 2024

देश मे कोयला संकट का हवाला देकर भूविस्थापितों का शोषण: आंदोलनकारियों ने गेवरा खदान को 11 घंटे तक रखा बंद

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विरोध में गेवरा खदान पूरी तरह ठप्प: खदान के चप्पे-चप्पे पर भूविस्थापितों ने लहराया परचम

कोरबा/गेवरा (आदिनिवासी)। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने अपने 05 चरण के आंदोलन के घोषणा के अनुरूप आज सुबह 05 बजे से लगभग 11 घंटे गेवरा खदान के मिट्टी, कोयला, परिवहन कार्य को पूरी तरह से ठप्प कर दिया। भूविस्थापितों की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएमडी एसईसीएल को ज्ञापन देकर आंदोलन शुरू किया गया है।

अपने पूर्व निर्धारित चेतावनी के अनुरूप आज सुबह से ही गेवरा खदान को बंद करा दिया गया और देखते देखते पूरे खदान परिक्षेत्र में हजारों की संख्या में भूविस्थापितों ने कब्जा कर लिया जिससे ओबी, कोयला और परिवहन कार्य मे लगे सारे स्थानों की कामकाज पूरी तरह से ठप्प पड़ गया । जिसके कारण साइलो, रेलवे ट्रेक और परिवहन वाहन का चक्के थम गया।

ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा है कि पिछले 60 सालों से देश के विकास में कुर्बानी देने वाले किसानो की सुध लेने की फुर्सत नही है। उत्पादन का विश्व रिकार्ड बनाकर अधिकारी अपना कद बढाने में ही लगे हैं। रोजगार के भटक रहे भूविस्थापितों को नियम और नीति का हवाला देकर उलझाया जा रहा है। वहीं 2012 कोल इंडिया पालिसी लागू कर 2004 के अर्जन के मामले में भी छोटे खातेदारों को रोजगार से वंचित कर दिया गया है। अपना सबकुछ खोकर अब ये भूविस्थापित परिवार के बच्चे कहां जाएंगे। उनके बारे में ठोस नीति अपनाना होगा ।

सचिव विजय पाल सिंह ठाकुर ने कहा आंशिक अधिग्रहण के कारण किसानो को भारी नुकसान हुआ है जब तक पूर्ण अधिग्रहण नही किया जाएगा किसी भी गांवों में एक इंच जमीन नही दी जाएगी।
गेवरा एरिया के अध्यक्ष दीपक यादव ने कहा कि नौजवान बेरोजगारों को आउट सोर्सिंग कंपनियों में भर्ती में भारी धांधली हो रही है जमीन खोने वाले भटक रहे हैं और बाहरी लोंगो की भर्ती किया जा रहा है। रुद्र दास महन्त ने कहा शासकीय भूमि में पीढ़ियों से काबिज परिवार के सदस्यो को बसाहट और सोलिशियम देने से इनकार कर दिया गया है । दीपका अध्यक्ष बसन्त कंवर ने बताया कि पूर्व में दी गयी बसाहट स्थल में नए गांवों को जबरदस्ती भेजा जा रहा है। आपसी झगड़ा लगाया जा रहा है जबकि वो मूलभूत सुविधाओं से मरहूम है ।
अन्य पदाधिकारियों ने कहा है कि झूठे आश्वासन के सहारे बार बार ठगा जा रहा है जो अब बर्दाश्त से बाहर हो चुका है।

आंदोलन को समर्थन कर रहे इंटक यूनियन के जिलाध्यक्ष श्यामू जायसवाल ने कहा ठेका कम्पनी अपनी फायदे के लिये मजदूरों का शोषण कर रहे हैं और निर्धातित वेतन, पी एफ मेडिकल सुरक्षा साधन उपलब्ध नही कराया जा रहा हैं।
आंदोलनकारियों ने मांग किया है कि संगठन के द्वारा रखी गयी मांगो पर सीएमडी सहित निदेशक मंडल के साथ ठोस वार्ता और मांगे पूरी करने पर ही आगे कोई समझौता होगी अन्यथा आगे की खदानबन्दी जारी रहेगी।

आंदोलन को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एवं इंटक ने दिया समर्थन

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा चलाये जा रहै इस आंदोलन को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस ने समर्थन देते हुए भारी संख्या में उनके कार्यकर्ता ने आन्दोलन के दौरान मोर्चा संभाला ।

खदान बंद के दौरान सपुरन कुलदीप विजयपाल सिंह तंवर श्यामू जायसवाल रूद्र दास महंत बसंत कुमार कंवर दीपक यादव कुलदीप सिंह राठौर संतोष दास महंत ललित महिलांगे संतोष चौहान बृज कंवर बबीता आदिले दिलहरण महंत दशरथ बिंझवार गोपाल बिंझवार भागीरथ यादव संदीप कंवर उदल राम यादव जगदीश पटेल, प्रीतम दास, गनपत कँवर, राजकुमार, सुशीला कँवर, मदनकुंवर, समारु दास आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से सुरेश कुमार पोर्ते, जी.एस.राजन, ईश्वर सिंह उईके, प्रभा पोर्ते, रामप्यारी ध्रुव, अनूप सिंह मरावी, राधेश्याम आयम, रवि शरण पाल सिंह ओरकेरा, जय प्रकाश मरावी, महेश मरावी, बसंत कोर्राम, देव मरकाम, शुभम नेटी, सत्य मरकाम, भागवत करपे, रामकुमार उइके, कीर्ति उरेती, अनिल उइके, राजू यादव, जीवराखन, जयसिंह हर सिंह, हरीश रुकमणी, प्रमिला, रतन बाई, कमलाबाई जानकी आदि कार्यकर्ता थे।

इंटक से नरेन्द्र सोनी खगेश बरेठ अभिषेक कंवर संत चौहान, संतोष दास घशीराम भारद्वाज बिंदेश ढीमर कैलाश कर्ष,मनोज कंवर,बिन्देश कुमार शिवचरण चौहान,चामु,मणि शंकर साहु,रोहित दास,किशन कुमार, पुलेन्दर सिंह,राघवेन्द्र सिंह राठौर,अशोक साहु फूलेन्द्र सिंह दयाराम सोनी विद्याधर सीमा सोनी अशोक साहू दीपेश सोनी शिवलाल साहू निधी साहू ,सोनी मनहर, गुरूवारीबाई, गीता देवी,सुनीता, नेहादास, आराधना सोनी,पिंकी, लता साहू, अहिल्याबाई, बंशी, काशीनाथ सहित हजारों भूविस्थापित शामिल थे।

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