भारत में प्रायः राजनैतिक शक्ति और आर्थिक प्रभुत्व के विस्तार की तुलना इतिहास में फासीवादी शासन के उदय से की जाती है। एक लोकप्रिय धारणा यह है कि जब राजनेता और व्यवसायी घनिष्ठ गठबंधन बनाते हैं, तो इसका परिणाम...
सिर्री नहीं है कंगना जी!
एक बार फिर कंगना राणावत (या रनौत जो भी हैं) ने एक बयान दिया और फिर उसके बाद जैसा कि इस कुनबे का रिवाज, परम्परा, लत, अदा और अंदाज (जो भी कह लीजिये) है, वह...
भारत के कई नए 'सामान्य' के बीच, अब यह भी एक सामान्य बात हो गई है कि प्रधानमंत्री किसी 'निजी' धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए मुख्य न्यायाधीश के निवास पर जाएं और इस पूरी घटना का व्यवस्थित...
सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खेल
झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में यह बात कहकर सनसनी फैला दी थी कि राज्य में संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की आबादी गिर रही है और...
देश की आर्थिक नीतियों में बड़े बदलावों के साथ, एक नई लेकिन चिंताजनक दिशा की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। 1947 में आजादी के बाद, भारत सरकार ने 562 रियासतों को एकजुट कर एक मजबूत और संप्रभु लोकतंत्र...
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ताल ठोंक कर एलान किया है कि अब भारत देश में सिर्फ और केवल वे ही लोग रह सकेंगे, जो "राम-कृष्ण" बोलेंगे। उनके इस कथन की बाकी पैमानों से पड़ताल बाद की बात...
भाजपा के लिए सन 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे निराशाजनक रहे। लोकसभा में उसके सदस्यों की संख्या 303 से घट कर 240 रह गई। नतीजा यह कि पिछली बार जहां केवल नाम की गठबंधन (एनडीए) सरकार थी, वहीं इस...
प्रसिद्ध अमेरिकी इतिहासकार, नाटककार, दार्शनिक और समाजवादी विचारक हॉवर्ड जिन (1922-2010) के शब्द आज भी दुनियाभर के उन देशों में गूंजते हैं, जहां जनता अपने शासकों के हर आदेश को बिना सवाल उठाए मान लेती है। जिन ने यह...
द्रोपदी का डर और डर की द्रोपदी
चलिए अच्छा हुआ कि कोलकाता रेप कांड के बारे में बोलकर राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू भी उस कतार में शामिल हो गईं, जिसमें पहले विपक्ष के अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य सभा के...
सन 1994 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिए गए एक निर्णय के तहत, 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। आमतौर पर 'आदिवासी' शब्द से उन लोगों को समझा जाता है जो आदि काल से संबंधित भूभाग में...