मंगलवार, दिसम्बर 2, 2025

संस्कृति-समाज

आदिवासी कोई जनजाति या बनवासी नहीं, बल्कि एक विशिष्ट सामाजिक-ऐतिहासिक समूह का नाम है

भारत के अस्तित्व में आदिवासी समाज का स्थान सबसे प्राचीन, सबसे विशिष्ट और सबसे महत्वपूर्ण है। "आदिवासी" मात्र एक नाम नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक-सांस्कृतिक पहचान है, जो जल-जंगल-जमीन, श्रम, सामूहिकता और समानता की जीवनदृष्टि में निहित है। लेकिन दुखद...

जागने से लेकर जूझने तक: जब चेतना संघर्ष बनती है और संघर्ष मुक्ति की राह दिखाता है

मानव जीवन केवल जीने की महज़ एक जैविक प्रक्रिया नहीं है। यह चेतना, साहस और संघर्ष की एक सतत यात्रा है। इतिहास गवाह है कि जब-जब इंसान जागा है, तब-तब उसने अन्याय और शोषण की जंजीरों को तोड़ा है।...

वीरांगना रानी दुर्गावती: गोंडवाना के गौरव और भारतीय शौर्य की अमर प्रतीक

गोंडवाना की गौरवशाली धरती मध्य भारत की हरी-भरी पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच, जहां नर्मदा की पावन धारा बहती है, वहां कभी गोंडवाना साम्राज्य का सूर्य चमकता था। यह केवल भौगोलिक सीमाओं का राज्य नहीं था, बल्कि एक...

बिरसा मुंडा: आदिवासी स्वाभिमान के अमर नायक

धरती आबा की अमर गाथा 9 जून को जब हम बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि मनाते हैं, तो हमारे सामने एक ऐसे युवा योद्धा की छवि उभरती है जिसने मात्र 25 वर्ष की आयु में ही अपने समुदाय और देश के...

धर्मांतरण विवाद: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पिता का अंतिम संस्कार का मामला, न्याय व्यवस्था पर उठे सवाल!

नई दिल्ली (आदिनिवासी)। सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने न्यायपालिका और प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए। छत्तीसगढ़ के छिंदवाड़ा गांव में एक आदिवासी व्यक्ति सुभाष बघेल का शव पिछले 12 दिनों से मुर्दाघर...

छेरछेरा कोठी के धान ला हेरतेच हेरा: छेरछेरा पुन्नी, छत्तीसगढ़ के गांवों में दान और समरसता की झलक!

भाईचारे का संदेश, हर घर से बच्चों की टोली को मिलता है स्नेह और सहयोग। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी की धूम पूरे राज्य में देखी जा रही है। यह पर्व न केवल नई फसल की खुशी बल्कि...

छत्तीसगढ़ का परंपरागत पर्व: पोरा तिहार – लोक संस्कृति की अनूठी धरोहर!

हरेली के एक महीने बाद भाद्रपद अमावस्या को मनाया जाता है पोरा पर्व, बच्चों को दी जाती है पारंपरिक शिक्षा छत्तीसगढ़, जिसे 'धान का कटोरा' कहा जाता है, यहां की लोकसंस्कृति में पोरा तिहार का विशेष स्थान है। इस पर्व...

छत्तीसगढ़ मांझी समाज की कुलदेवी: संबलपुर की समलाई दाई का इतिहास

छत्तीसगढ़ के मांझी समाज के लिए उड़ीसा के संबलपुर स्थित समलाई दाई मंदिर का विशेष महत्व है। यह मंदिर न केवल मांझी समाज की कुलदेवी का स्थान है, बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी आदिवासी समाज के लिए अत्यधिक...

गोंडवाना की वीरांगना महारानी दुर्गावती: साहस, संघर्ष और शहादत!

महारानी दुर्गावती गोंडवाना साम्राज्य की एक अद्वितीय वीरांगना थीं, जिन्होंने अपने साहस, पराक्रम और बलिदान से इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। आज उनके बलिदान दिवस पर हम उनके जीवन और संघर्ष की गाथा को स्मरण करते हैं। महारानी दुर्गावती का...

एक असुर जिसने आर्यों से अपने समाज की रक्षा की: महिषासुर

"गौरी लंकेश ने यह रिपोर्ट मूलरूप से अंग्रेजी में लिखी थी जो वेब पोर्टल "बैंगलोर मिरर" में 29 फरवरी, 2016 को प्रकाशित हुई थी। जिसे adiniwasi.com अपने वेबसाइट "आदिनिवासी" में आज साभार प्रकाशित कर रहा है।"एक दैत्य अथवा महान...

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अडानी कोल ब्लॉक विरोध: अखिलेश शाह की जिला बदर कार्रवाई के खिलाफ किसान मोर्चा का सिंगरौली दौरा, CM से दमन रोकने की मांग

भोपाल/सिंगरौली (आदिनिवासी)। सिंगरौली जिले के घिरोली ब्लॉक में अडानी समूह को आवंटित कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे स्थानीय कार्यकर्ता...