SECL पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया किसान सभा ने
कोरबा (आदिनिवासी)। किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ ने एसईसीएल पर भूविस्थापितों के साथ विश्वासघात करने और मांगो का आश्वासन देकर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कुसमुंडा एवं गेवरा महाप्रबंधक संजय मिश्रा और एस.के.मोहंती को सीएमडी के नाम ज्ञापन सौंपकर लंबित रोजगार प्रकरण,बसावट सहित 16 सूत्रीय मांग पत्र का निराकरण नहीं होने पर 5 अगस्त को कोल इंडिया के मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा, गेवरा व दीपका तीनों खदानों के उत्पादन को बंद करने और महाप्रबंधक कार्यालयों का घेराव करने का चेतावनी भरा ज्ञापन सौंपा है।
छत्तीसगढ़ किसान सभा व भूविस्थापित रोजगार एकता संघ की संयुक्त रूप से एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय में कुसमुंडा और गेवरा महाप्रबंधक के साथ सभी क्षेत्रों के भूविस्थापितों के लंबित रोजगार, बसावट एवं प्रभावित गांव की मूलभूत समस्याओं को लेकर 03 घंटे तक चर्चा हुई एसईसीएल ने बैठक में मांगो को पूरा करने के लिए और समय मांगा जिसपर उपस्थित सभी भूविस्थापितों ने बार बार समय मांगने और झूठा आश्वाशन देने का आरोप एसईसीएल पर लगाया।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल द्वारा पूर्व में कुसमुंडा, गेवरा,कोरबा, दीपका क्षेत्र द्वारा कई गांवों का अधिग्रहण किया गया लेकिन आज भी हजारों भू विस्थापित रोजगार के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे है कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 266 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है लेकिन प्रबंधन भू विस्थापितों से हर बार केवल समय की मांग करता है और हरबार गुमराह करने का काम कर रही है किसी भी पुनर्वास ग्राम में बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ बसाहट नहीं दी गई है और न ही यहां के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
मांगो को लेकर 30 जून को 35 गांव के लगभग 2000 भू विस्थापितों ने 14 घंटे तक गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव भी किया गया उस समय भी आश्वासन दिया लेकिन समय पे मांगों को पूरा नहीं किया गया। इन समस्याओं की ओर कई बार प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया गया है, लेकिन भू विस्थापितों की इन समस्याओं के निराकरण के प्रति प्रबंधन गंभीर नहीं है।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,जय कौशिक ने कहा कि ज्ञापन में प्रभावित गांवों में बिजली और पानी की सुविधा निःशुल्क देने तथा सभी प्रभावित छोटे-बड़े खातेदारों को स्थाई नौकरी देने,आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगाने के साथ 16 सूत्रीय मांगपत्र एसईसीएल प्रबंधन को पुनः सोंपा गया है। ज्ञापन में ग्राम भठोरा के चौथे चरण 2016-17 से लंबित मकानों एवं अन्य परिसंपत्तियों का तथा पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़े गये मकानों और शौचालयों का क्षतिपूर्ति मुआवजा तत्काल दिये जाने की भी मांग की है।
किसान सभा और रोजगार एकता संघ के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि ग्रामीणों के रोजगार और पुनर्वास के सवाल पर प्रबंधन सकारात्मक पहलकदमी नहीं करती है तो 5 अगस्त को कुसमुंडा,गेवरा,दीपका तीनों खदानों का उत्पादन बंद कर महाप्रबंधक कार्यालयों का अनिच्छित कालीन तालाबंदी कर घेराव किया जाएगा।
भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के दामोदर श्याम,रेशम यादव,बलराम,रघु ने कहा कि जिनकी जमीन एसईसीएल ने ली है उन्हें बिना किसी शर्त के रोजगार दिया जाये क्योंकि जमीन ही उनके जीने का एकमात्र सहारा था। आज भुखमरी के कगार पर भूविस्थापित खड़े है। हर बार प्रबंधन ने केवल धोखा देने का काम किया है अब आरपार की लड़ाई का समय आ गया है 5 अगस्त को हजारों भू विस्थापित परिवार सहित आंदोलन में शामिल होंगे।
ज्ञापन सौंपने में प्रमुख रूप से दामोदर श्याम, रेशम यादव, बलराम,दीना, सनत, रघु, मोहन कौशिक, टकेश्वर, राजेश, डुमन, विजय, नरेंद्र, घनाराम, हेमलाल, बजरंग सोनी, शेखर, बेदराम, नारायन, मोहन यादव, अशवनी, बसंत चौहान, सीहरीशंकर, होरीलाल, सुमेन्द्र सिंह, वीरामप्रसाद, नागेश्वर, पंकज, गोरेलाल आदि उपस्थित थे।