भोपाल/सिंगरौली (आदिनिवासी)। सिंगरौली जिले के घिरोली ब्लॉक में अडानी समूह को आवंटित कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे स्थानीय कार्यकर्ता अखिलेश शाह के साथ पुलिस द्वारा की गई कथित मारपीट और जबरन जिला बदर कार्रवाई के मामले में संयुक्त किसान मोर्चा, मध्यप्रदेश ने सख्त आपत्ति जताई है। बासी बरदह गांव के निवासी अखिलेश शाह को पुलिस ने हिरासत में लेकर लंघाडोल थाना ले जाकर खाली कागजों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराए जाने का आरोप लगाया गया है।
गिरफ्तारी के दौरान हुई घटना
किसान मोर्चा के अनुसार, जब अखिलेश शाह ने पुलिस से अपनी गिरफ्तारी का कारण पूछा, तो उन्हें बताया गया कि न्यायालय में पेशी के समय ही मामले की जानकारी दी जाएगी। पुलिस ने उन्हें सूचित किया कि उनके विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाही प्रक्रियाधीन है।

फर्जी मुकदमों और दमन का आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह इलाका पहले भी विवादों में रहा है, जहां पुलिस प्रशासन द्वारा अडानी कोल ब्लॉक से प्रभावित ग्रामीणों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं। संगठन का आरोप है कि ग्रामीणों को नजरबंद करके जबरन लाखों पेड़ काटे जा रहे हैं। जब विस्थापित किसान और उनके संगठन लोकतांत्रिक तरीके से अपनी असहमति दर्ज कराते हैं, तो उन्हें आतंकित किया जाता है।
मुख्यमंत्री से की गई मांग
किसान मोर्चा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से आदिवासियों पर दमन तत्काल बंद करने, फर्जी मुकदमे वापस लेने और अडानी कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द करने की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषणा
संयुक्त किसान मोर्चा ने जानकारी दी है कि संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही बासी बरदह गांव और आसपास के क्षेत्रों का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल प्रभावित आदिवासी परिवारों से मुलाकात करेगा और सिंगरौली में पुलिस अधिकारियों से बातचीत करेगा।





