वायनाड (अदिनिवासी)। केरल में हुए विनाशकारी भूस्खलन ने एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को रेखांकित किया है। मुंडक्काई-चूरलमाला क्षेत्र में घटित इस दुर्घटना ने न केवल जान-माल का भारी नुकसान किया है, बल्कि हजारों लोगों को बेघर भी कर दिया है।
सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के केरल राज्य सचिव जॉनसन अम्बट्टू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “यह हृदयविदारक त्रासदी हमें अंदर तक झकझोर देती है। 185 से अधिक लोगों की मृत्यु और सैकड़ों लोगों के मलबे में फंसे होने की खबर अत्यंत पीड़ादायक है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं और हर संभव सहायता का वादा करते हैं। इस कठिन समय में हमारी एकजुटता उनके साथ है।”
सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
1. वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए और तत्काल केंद्रीय राहत कोष की घोषणा की जाए।
2. केरल सरकार और केंद्रीय एजेंसियां इस क्षेत्र में होने वाले नियमित भूस्खलनों के कारणों का गहन अध्ययन करें और स्थानीय लोगों के जीवन व संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
कॉमरेड अम्बट्टू ने राहत और बचाव कार्यों में लगी सभी एजेंसियों को सफलता की कामना करते हुए कहा, “आपातकालीन चिकित्सा सहायता और पुनर्वास उपायों की तत्काल आवश्यकता है। हम सरकार से अपील करते हैं कि वह पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करे।”
यह घटना एक बार फिर बताती है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी और नियोजन की आवश्यकता है। साथ ही, यह हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने का संदेश भी देती है।