गुरूवार, नवम्बर 13, 2025

वेदांता शोषण का नया अध्याय: सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर बढ़ता दबाव, बिजली-पानी काटकर क्वार्टर खाली कराने की कोशिश

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बालकोनगर/कोरबा (आदिनिवासी)। बालको (भारत एल्युमिनियम कंपनी) में वेदांता प्रबंधन द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ कथित रूप से अमानवीय व्यवहार का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। कंपनी के 27 नवंबर को आने वाले स्थापना दिवस से पहले ही प्रबंधन ने पूर्व कर्मचारियों के क्वार्टरों की बिजली, पानी और शौचालय व्यवस्था काटकर उन्हें जबरन आवास खाली करने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया है। इस कदम ने न केवल कर्मचारियों में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि स्थानीय जन संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने भी इसकी तीखी निंदा की है।

बिना अंतिम भुगतान के आवास खाली कराने का दबाव

बालको के प्रशासन प्रमुख एवं कॉरपोरेट अफेयर्स के पद पर तैनात कैप्टन धनंजय मिश्रा और नगर प्रशासन प्रमुख सुमंत सिंह के नेतृत्व में प्रबंधन ने बुधवार, 12 नवंबर से ही यह अभियान शुरू कर दिया। जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों का अंतिम भुगतान अभी तक बकाया है, उन्हें भी बिना किसी पूर्व सूचना के मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है।

इस मामले में जो सबसे चिंताजनक पहलू है, वह यह कि कर्मचारियों को उनकी बकाया राशि का भुगतान किए बिना ही क्वार्टर खाली करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कई परिवारों में बुजुर्ग और बच्चे भी हैं, जिन्हें अचानक बिजली-पानी की कटौती से गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

त्रिपक्षीय बैठक के बाद भी जारी है दबाव

बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति, जिसे अल्युमिनियम कामगार संघ, बालको सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन, आदिनिवासी गण परिषद, मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा और कई स्थानीय जन संगठनों का समर्थन प्राप्त है, ने एसडीएम कार्यालय कोरबा में वेदांता प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय बैठक की थी। लेकिन इस बैठक के बावजूद प्रबंधन ने संगठन के किसी भी प्रतिनिधि से बात किए बिना ही गुरुवार, 13 नवंबर को भी अपना अभियान जारी रखा।

बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक बीएल नेताम ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “यह पूरी तरह से अमानवीय और असंवेदनशील कदम है। जिन कर्मचारियों ने अपना पूरा जीवन कंपनी को समर्पित किया, उनके साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी तरह से उचित नहीं है।”

पुलिस में शिकायत दर्ज, जिला प्रशासन को सूचना

संघर्ष समिति ने इस मामले की शिकायत बालको थाने में दर्ज कराने और जिला प्रशासन को भी सूचित करने का निर्णय लिया है। समिति ने प्रभावित कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपना अंतिम भुगतान प्राप्त किए बिना किसी भी दबाव में आकर क्वार्टर खाली न करें।

“जिन कर्मचारियों की बिजली-पानी काट दी गई है, वे तुरंत बालको पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं और बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति को लिखित सूचना दें,” नेताम ने कहा।

धरना प्रदर्शन जारी, सम्मानजनक समाधान की मांग

वेदांता प्रबंधन की इस कर्मचारी-विरोधी नीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। संघर्ष समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक प्रबंधन एक सम्मानजनक समाधान नहीं निकालता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

समिति ने सभी प्रभावित कर्मचारियों से अपील की है कि वे कंपनी के डर और दबाव में न आएं। “किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति से संपर्क करें। हम सभी कर्मचारियों के साथ खड़े हैं,” नेताम ने जोर देकर कहा।

कल होगी महत्वपूर्ण बैठक

जिन कर्मचारियों की बिजली-पानी और शौचालय व्यवस्था काट दी गई है, उनसे आग्रह किया गया है कि वे कल सुबह 11 बजे बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति से जरूर संपर्क करें, ताकि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उचित कार्रवाई की जा सके।

मानवीय संवेदना का सवाल
यह मामला सिर्फ एक प्रशासनिक या कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मानवीय संवेदना और सम्मान का सवाल है। जिन कर्मचारियों ने अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ वर्ष कंपनी की सेवा में लगाए, उनके साथ सेवानिवृत्ति के बाद इस तरह का व्यवहार न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह कॉर्पोरेट जगत की नैतिकता पर भी सवाल उठाता है।

कर्मचारियों और उनके परिवारों की आवाज़ अब मुखर हो रही है। यह देखना बाकी है कि वेदांता प्रबंधन इस संवेदनशील मुद्दे को कैसे सुलझाता है और क्या वह अपने पूर्व कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित कर पाएगा।

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