शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024

भूविस्थापितों के 11 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जाधानी संगठन ने SECL के बिलासपुर मुख्यालय में सौंपा ज्ञापन

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आश्वासन का झुनझुना नहीं: मांगे पूरी नहीं होने पर अब करेंगे आंदोलन

कोरबा (आदिनिवासी)। खदान प्रभावित गांवों के भूविस्थापितों के हित संबंधी मांगों को पूरा किए जाने एसईसीएल प्रबंधन के आश्वासन पर डेढ़ महीना पहले ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति का खदान बंदी आंदोलन टल गया था लेकिन मांगे पूरी नहीं होने से भूविस्थापितों को साथ में लेकर समिति के पदाधिकारी अब एरियावार चरणबद्ध आंदोलन करेंगे शुक्रवार को समिति के प्रतिनिधिमंडल ने एसईसीएल के बिलासपुर मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन भी दिया 11 सूत्रीय मांगे प्रबंधन के समक्ष रखी है ।

एसईसीएल प्रबंधन से भूविस्थापित के हित में की गई मांगों को लेकर खदान के मुहाने पर मानव श्रृंखला बनाने के साथ एसईसीएल हेडक्वार्टर तक पदयात्रा भी की जा चुकी है पूर्व में समिति की ओर से घोषणा गेवरा खदान बंदी का आंदोलन आश्वासन पर टल गया था लेकिन अब एरियावार चरणबद्ध आंदोलन का फैसला लिया है ।

समिति के केंद्रीय अध्यक्ष सपुरन कुलदीप सचिव विजय पाल सिंह तंवर ने बताया कि संगठन की ओर से 25 मार्च को एसईसीएल गेवरा 5 अप्रैल को एसईसीएल दीपका 16 अप्रैल को एसईसीएल कुसमुंडा 25 अप्रैल को कोरबा एरिया में खदान बंदी आंदोलन व 5 मई को रेल व सड़क जाम किया जाएगा 11 सूत्रीय उनकी प्रमुख मांगे हैं सीएमडी के नाम एसईसीएल बिलासपुर मुख्यालय में ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की जानकारी दे दी गई है।

आंशिक अधिग्रहण नीति के खिलाफ भूविस्थापित

समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन पहले कट ऑफ सिस्टम से रोजगार देना शुरू किया और अब आंशिक अधिग्रहण नीति अपनाई जा रही है भूविस्थापित इसके खिलाफ हैं एसईसीएल प्रबंधन रलिया हरदीबाजार भिलाई बाजार करतली समेत आसपास के गांवों के आंशिक अधिग्रहण के पक्ष में हैं इसे रद्द करने की मांग शामिल है।

समिति के प्रमुख मांगों में यह भी शामिल

■ वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलो का जल्द से जल्द निराकरण किया जाये | अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण , एक खाता एक रोजगार नियम के विरुद्ध अलग अलग खाता का सयोंजन रोजगार से वंचितों को रोजगार प्रदान किया जाये। एस.ई.सी.एल. में लागू कोल इण्डिया पालिसी 2012 को वापस लिया जाये और हर खाते में स्थायी रोजगार/नौकरी प्रदान किया जाये चूँकि वर्ष 2010 से इस पालिसी को अमल में लाने का फैसला लिया गया था उसके पहले वर्ष 2004-2009 के अर्जन के मामलो में सभी मूल खातेदार एवं पैतृक बंटवारे से सहखातेदार को रोजगार दिया जाये ( रोजगार की लालच में खरीदी गयी जमीन को छोड़कर ) तथा भूविस्थापित परिवारों के शेष बेरोजगार युवाओं को खदान परिक्षेत्र में वैकल्पिक रोजगार की 100% व्यवस्था किया जाए। फंक्शनल डायरेक्टर्स मीटिंग  की निर्णय पत्र क्र. SECL/BSP/CAD/642FD/EXTRACTS/18-19-198 date – 30/05/2018 को सरायपाली सहित सभी खदानों में लागू किया जाये।

■ बसाहट के लिए 10 डिसमिल भूमि , बसाहट की एवज में 25 लाख रूपये की राशि दी जाये। शासन की योजनाओं से प्राप्त पट्टों /शासकीय/वन भूमि एवं भूमि पर बने मकानों का मुआवजा एवं सौ प्रतिशत सोलिशियम और बसाहट की पात्रता हेतु वर्तमान में प्रचलित नियमो में संशोधन कर समुचित लाभ दिया जाये ।
■ रलिया , भिलाईबाजार , हरदीबाजार, करतली सहित अन्य सभी ग्रामो में हुये आंशिक अधिग्रहण को रद्द किया जाये गाँव का सम्पूर्ण अर्जन किया जाये।
■ खदान बंद हो जाने अथवा अनुपयोगी होने पर पुराने अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापसी ,करायी जाये। कोरबा एवं कुसमुंडा क्षेत्र में अर्जन करते समय जमीन को नियत समय के बाद मूल खातेदारों को वापस करने अथवा पुन: अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार लाभ दिलाने की शर्तों पर जिला प्रशासन के द्वारा दखल करने का आदेश दिया था। कोरबा क्षेत्र में कुछ जमीन की वापसी भी किया गया है। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा कब्जाधारियों को पट्टा प्रदान किया जा रहा है जबकि बड़े पैमाने पर बाहरी लोंगो द्वारा अर्जित भूमि पर बलात कब्जा किया जा रहा है उसपर रोक लगाते हुए मूल खातेदारों को उनकी जमीन वापस किया जाये। 

■ वर्तमान में दीपका ,कुसमुंडा गेवरा में लागू बसाहट के एवज में राशि, भूविस्थापितो को टेंडर इत्यादि सुविधाओं को कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सरईपाली परियोजना में भी प्रदान किया जाये।
■ गेवरा क्षेत्र अंतर्गत नयी रेल परियोजना से प्रभावित परिवारों की परिसम्पतियों का मुआवजा तत्काल भुगतान किया जाये।
■ अर्जित गाँव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था किया जाये | गेवरा क्षेत्र अंतर्गत आमगांव के भूविस्थापितो को नेहरु नगर में आबंटित पुनर्वास स्थल में सभी सुविधाएं प्रदान किया जाये।

■ भूविस्थापितो के बच्चो को निशुल्क उच्च शिक्षा की पढाई लिखाई और परिवार को एस ई सी एल की अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा और सहयोग प्रदान किया जाये।
■ एस ई सी एल की सी एस आर के तहत प्रभावित क्षेत्रो का समुचित  विकास कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। पुनर्वास ग्रामों में सर्वे कराया जाकर वहां पर सभी विकास कार्य किया जाये।
■ पुनर्वास ग्रामो व प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामो में जिला खनिज न्यास मद संस्थान के नियमानुसार 60 प्रतिशत खर्च करने, शिक्षा, स्वास्थ और रोजगार सृजन के लिए सुनिश्चित करायी जाये।
■ आउट्सोर्सिंग कंपनियों में नियोजित ठेका कामगारों को कोल इण्डिया द्वारा निर्धारित वेतन सहित समस्त सुविधाएं प्रदान किया जाये।

आंदोलन को रद्द करने समिति ने किया  इनकार

आंदोलन की सूचना पत्र सह ज्ञापन सौंपने गए प्रतिनिधिमंडल के साथ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर् मेम्बर निदेशक कार्मिक, टेक्निकल, पीपी , महाप्रबंधक एल एंड आर और अन्य अधिकारियों ने वार्ता की और सीएमडी पीएस मिश्रा के साथ चर्चा का अनुरोध भी किया जिसे प्रतिनिधि मंडल द्वारा खारिज़ करते हुए अब आंदोलन पर जाने की बात कही गई।

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