कलेक्टोरेट परिसर में हुआ विश्व सिकल सेल दिवस का आयोजन, जांच के लिए लगाए गए स्टॉल
रायगढ़ (आदिनिवासी)। विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रुप से आज कलेक्टोरेट परिसर में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन जागरूकता एवं सिकल सेल स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय देश में पोलियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाकर देश से पोलियों को खत्म किया गया। इसी प्रकार हमारी पीढ़ी को सिकल सेल को खत्म करने के लिए मेहनत करनी होगी। इसके लिए शासन जन जागरुकता अभियान चला रही है, इसके साथ ही आज से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन प्रारंभ किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य लोगों को सिकल सेल के बारे में जानकारी और स्क्रीनिंग करवाने प्रोत्साहित करना है। उन्होंने जनसामान्य से आग्रह किया कि बच्चों का सिकल सेल जांच अवश्य करवाएं। उन्होंने कहा कि यह इन्फेक्शन से नहीं होता एवं पहले से जानकारी होने पर कार्ड बनवाया जाता है, ताकि विशेष परिस्थिति में उन्हे बेहतर उपचार प्रदान एवं मैनेजमेंट किया जा सके। जिससे आने वाली पीढ़ी में सिकल सेल को नियंत्रित कर सामान्य जीवन प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि सिकल सेल को खत्म करने सामूहिक प्रयास आवश्यक है। उन्होंने सभी से पीएचसी, सीएचसी में नि:शुल्क जांच करवाने का आग्रह किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित उमेश अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जन सरोकार की दिशा में तत्परता से कार्य कर रहे है। विश्व सिकल सेल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम इस बात के लिए प्रेरित करता कि हमें सिकल सेल से लडऩा है और लोगों को जागरुक करना है, हम सब को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। हमें लोगों को इसके बचाव, मैनेजमेंट हेतु लिए जागरुक करना चाहिए।
नोडल अधिकारी सिकल सेल डॉ.नेहा गोयल ने सिकल सेल के कारण एवं लक्षण के संबंध में जागरूक करते हुये कहा कि हिमोग्लोबिन हमारे शरीर में सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है, लेकिन सिकल सेल रोग में यह काम बाधित हो जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाले इस रोग में गोलाकार लाल रक्त कण (हिमोग्लोबीन) हंसिये के रूप में परिवर्तित होकर नुकीले और कड़े हो जाते हैं। यह रक्त कण शरीर की छोटी रक्त वाहिनी (शिराओं) में फंसकर लिवर, तिल्ली, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों के रक्त प्रवाह को बाधित कर देते हैं।
सिकल सेल होने पर भूख न लगना, खून की कमी से उत्पन्न एनीमिया, हल्का एवं दीर्घकालीन बुखार रहना, थकावट, त्वचा एवं आंखों में पीलापन (पीलिया), बार-बार पेशाब आना व मूत्र में गाढ़ापन, तिल्ली में सूजन, चिड़चिड़ापन और व्यवहार में बदलाव, वजन और ऊंचाई सामान्य से कम, हाथ-पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, हड्डियों और पसलियों में दर्द जैसे लक्षण शरीर में दिखाई देने लगते हैं। जनसामान्य सिकल सेल के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में नि:शुल्क सिकल सेल जांच जरूर करवाएं। विवाह पूर्व सिकल सेल जांच अवश्य कराना चाहिए। 0 से 40 आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों की सिकल सेल जांच व उपचार सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 में 4 लाख 31 हजार 855 स्क्रीनिंग किया गया। जिसमें 4 लाख 11 हजार 259 नेगेटिव तथा 1048 पॉजिटिव एवं 13 हजार 7 करियर (वाहक)प्राप्त हुए है। इस अवसर पर ज्ञानेश्वर सिंह गौतम, प्रभारी आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग महेश शर्मा, सीएचएमओ डॉ.बी.के. चंद्रवशी, डॉ.भानु पटेल, सहायक संचालक आदिम जाति विकास सुश्री आकांक्षा पटेल, डीपीएम सुश्री रंजना पैकरा, डॉ.तिलेश दीवान एवं बड़ी संख्या में मितानिन एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। मंच संचालन प्राचार्य राजेश डेनियल ने किया।
सिकल सेल पहचान कार्ड का किया गया वितरण
विश्व सिकल सेल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सिकल सेल से प्रभावित व्यक्तियों को सिकल सेल कार्ड का वितरण किया गया। इस दौरान 10 सिकल सेल से प्रभावितों को सिकल सेल पहचान कार्ड प्रदान किया गया। जो उनके तात्कालिक चिकित्सा सेवा एवं बेहतर उपचार में सहायक होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने लगाए स्टॉल
कलेक्टर श्री गोयल ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिकल सेल स्क्रीनिंग के लिए लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री गोयल ने डॉक्टर को निर्देशित किया कि सहज और सरल तरीके के सिकल सेल के संबंध में जन सामान्य को समझाए। ताकि लोग इसे बेहतर तरीके से समझ सके। इस दौरान उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आयुष्मान कार्ड के बनाने में प्रगति लाने के निर्देश देते हुए शिविर में हुए विभिन्न जांच व दवाईयों की जानकारी ली।