संयुक्त किसान मोर्चा का आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अभियान
भोपाल। संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी भूमिका तय कर ली है। मोर्चा चारों ओर से विनाश की जिम्मेदार मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को दंडित करने और भाजपा को सजा देने का आह्वान करते हुए प्रदेश के गाँव-गाँव तक जाएगा। सभी जिलों में संयुक्त किसान मोर्चा के सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे। इन सम्मेलनों में मजदूर, खेत मजदूर, महिलाएं, छात्र, युवा तथा अन्य जन संगठन, सामाजिक संगठन और व्यक्तियों को भी शामिल किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने खेती-किसानी को बर्बाद करने वाली नीतियों, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाने में मोदी सरकार द्वारा वादाखिलाफी करने, 13 महीने के ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद किए गए समझौते से पीछे हटने, बिजली कानून लागू करने, बेरोजगारी बढ़ाने और महंगाई से आम जनजीवन को मुश्किल में डालने जैसी मोदी सरकार की कार्रवाइयों को जनता के बीच उजागर करने का निर्णय लिया है। साथ ही, मोर्चा इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर किए गए घोर भ्रष्टाचार के तथ्यों को भी किसानों तक पहुंचाएगा। इसके अलावा, मोर्चा ने अटल प्रगति पथ जैसी कई परियोजनाओं के नाम पर जबरन भूमि अधिग्रहण, आदिवासियों की बड़े पैमाने पर विस्थापन, वन विभाग की मनमानी और हिंसा सहित स्थानीय मुद्दों को भी अभियान से जोड़ने का निर्णय लिया है। बैठक में विभिन्न जिलों में सम्मेलन आयोजित करने की जिम्मेदारियां भी बांटी गईं।
इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के प्रदेश प्रभारी डॉ. सुनीलम, अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज, मध्य प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष अशोक तिवारी, महासचिव अखिलेश यादव, संयुक्त सचिव जगदीश पटेल, किसान सभा (अजय भवन) के डी.डी. वासनिक, आदिवासी एकता महासभा के उपाध्यक्ष रामनारायण कुररिया, किसान संघर्ष समिति की आराधना भार्गव, भागवत सिंह परिहार, रीवा संयुक्त किसान मोर्चा से शिव सिंह, इन्द्रजीत सिंह शंखू, भिंड से प्रेमनारायण माहौर, किसान संघर्ष समिति इंदौर से रामस्वरूप मंत्री के साथ बबलू जाधव, संदीप ठाकुर, भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी के प्रदेशाध्यक्ष राधेश्याम मीणा, कामरेड विजय कुमार सहित अनेक किसान नेताओं ने भाग लिया।
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