कोरबा (आदिनिवासी)। कोरबा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में किसानों ने गेवरा-पेंड्रा रेल कॉरिडोर निर्माण कार्य को रोक दिया है। पुरैना मड़वाढोढा के पास ग्रामीणों ने लाल झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और रेल पथ पर कब्जा कर लिया।
किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें उनकी अधिग्रहित भूमि और पेड़ों का उचित मुआवजा दिया जाए। प्रभावित किसान शिवरतन सिंह कंवर और मोहपाल सिंह ने बताया कि दो वर्षों से वे मुआवजे के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।
माकपा ने चेतावनी दी है कि यदि सात दिनों के भीतर मुआवजे का मुद्दा नहीं सुलझाया गया, तो किसान रेल पथ पर ही खेती शुरू कर देंगे। इस विरोध के कारण पुरैना के पास पुल निर्माण कार्य भी रुक गया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बांकी थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। रेल प्रशासन और जिला प्रशासन ने किसानों को जल्द समाधान का आश्वासन दिया है, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा और किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने आरोप लगाया है कि जिले में उद्योगों और सरकारी योजनाओं के नाम पर किसानों को बिना मुआवजा और सुविधाओं के बेदखल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि माकपा और किसान सभा किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करेंगे।
किसान सभा ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है। प्रदर्शन में जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, सुमेंद्र सिंह ठकराल, रमेश दास, शिवरतन सिंह कंवर, जगदीश सिंह कंवर समेत बड़ी संख्या में प्रभावित किसान शामिल थे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार कोयला परिवहन को सुगम बनाने के लिए गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण करवा रही है। इस परियोजना के लिए सैकड़ों गांवों के हजारों किसानों की हजारों हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिनमें से अधिकांश आदिवासी, दलित और कमजोर वर्ग के लोग हैं।
किसानों की प्रमुख मांग है कि उन्हें अधिग्रहित भूमि और पेड़ों का वर्तमान बाजार दर के अनुसार मुआवजा दिया जाए।