पुलिस द्वारा आदिवासियों पर हमले
छत्तीसगढ़ (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ के भैरमगढ़ में पुलिस ने आदिवासियों को अपनी बात नहीं कहने दी।
पुलिस ने आदिवासियों पर लाठियों से हमला किया।
आदिवासी राष्ट्रपति के नाम आवेदन बना कर लाए थे जिसे वे तहसीलदार की मार्फत भेजना चाहते थे।
पुलिस वाले ड्रोन में कैमरे लगा कर नदियों और तालाबों में नहाती हुई निवस्त्र आदिवासी लड़कियों औरतों के वीडियो बनाते हैं।
आदिवासी इसे रोकने की मांग कर रहे थे।
भागते हुए आदिवासियों को पत्रकारों ने रोका और तहसीलदार को बुलवाया और ज्ञापन दिया।
असली लड़ाई क्या है ?
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भगत सिंह ने कहा था संसाधनों और श्रम की लूट के लिए एक युद्ध जारी है तथा यह युद्ध अंग्रेजों के जाने के बाद भी जारी रहेगा।
यह युद्ध तब तक चलेगा जब तक इसमें मेहनतकश जनता की जीत नहीं हो जाती।
इसमें एक तरफ पूंजीपतियों के लिए लड़ने वाली सरकारी सेनाएं हैं।
दूसरी तरफ आम जनता है।
गांधी ने कहा था अगर भारत अंग्रेजी विकास का माडल अपनाएगा तो एक दिन वह अपने ही गावों पर हमला करेगा।
इस विकास के माडल से युद्ध ही निकलेगा।
वह युद्ध जारी है।
आदिवासी इलाकों में इसे साफ साफ देखा जा सकता है। और देखने वाली बात तो यह है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज के सत्ता पक्ष और विपक्ष के तथा विभिन्न आदिवासी संगठनों के धुरंधर नेता इस अति संवेदनशील तथा शर्मनाक मुद्दे पर क्या एक्शन लेते हैं।