कोरबा (आदिनिवासी)| भारत सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के अंतर्गत आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण की समय-सीमा को बढ़ाकर 15 मई 2025 कर दिया है। पहले यह सर्वेक्षण 30 अप्रैल 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इसकी अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया।
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र ग्रामीण परिवारों तक योजना का लाभ पहुँचे, विशेषकर उन्हें जिन्हें अभी तक पक्के आवास का लाभ नहीं मिल पाया है। सरकार चाहती है कि सर्वेक्षण प्रक्रिया पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ पूरी हो, ताकि कोई भी योग्य परिवार छूटने न पाए।
PMAY-G का मुख्य लक्ष्य “2028 तक सभी के लिए आवास” की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण परिवारों को स्थायी एवं सुरक्षित पक्का आवास प्रदान करने के लिए चलाई जा रही है। इसके तहत लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे अपना घर बना सकें।
आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण क्या है?
आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण PMAY-G के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में असुरक्षित एवं कच्चे घरों में रह रहे परिवारों की पहचान की जाती है। इस सर्वे के माध्यम से सरकार वास्तविक लाभार्थियों की सूची तैयार करती है, ताकि धनराशि सीधे उन तक पहुँच सके।
सर्वेक्षण पूरा होने के बाद, पात्र परिवारों की सूची जारी की जाएगी और आवास निर्माण हेतु सहायता राशि का वितरण शुरू होगा। सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें, ताकि लाभार्थियों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका लक्ष्य गरीबों को आवास सुरक्षा प्रदान करना है। सर्वेक्षण की नई समय-सीमा से यह उम्मीद है कि अधिक से अधिक पात्र परिवारों को इसका लाभ मिल पाएगा।
(प्रशासनिक सूत्रों पर आधारित)