ऊर्जाधानी संगठन के लंबे संघर्ष के बाद ग्रामीणों को मिलेगी राहत
कोरबा/दीपका/गेवरा (आदिनिवासी)।
पाली विकासखंड अंतर्गत हरदीबाजार तहसील के ग्राम पंचायत अमगांव आश्रित मोहल्ला जोकाही डबरीपारा हाथीबाड़ी बस्ती भाटापारा के परिसंपत्तियों की एसईसीएल गेवरा के द्वारा प्रभावित ग्रामीणों के घर मकान कुआं बाड़ी आदि परिसंपत्तियों की सन 2014 – 15 में सर्वे मूल्यांकन कर मुआवजा पत्रक तैयार किया गया था लेकिन मुआवजा पत्रक में खसरा रकबा उल्लेख नहीं होने के कारण पात्र हितग्राहियों को अपात्र कर दिया गया था।
जिसे लेकर ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष सपुरन कुलदीप के नेतृत्व में सन 2016 में दीपका के बुधवारी बाजार से आक्रोश रैली निकालकर ग्रामीणों की मुआवजे की मांग किया गया था और बार बार कई आंदोलन किया गया था । लंबे समय के संघर्ष का ही परिणाम है की पाली के अनुविभागीय अधिकारी ने ग्रामीणों के मुआवजे की निराकरण के लिए पहल किये पाली अनुविभागीय अधिकारी ने हरदीबाजार तहसील के तहसीलदार को अग्रिम कार्यवाही के लिए आश्रित ग्रामीणों के दस्तावेज जमा कर मुआवजे का भुगतान किए जाने का निर्देश दिए थे।
हरदीबाजार तहसील के तहसीलदार ने ग्रामीणों के मुआवजे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए इश्तिहार समाचार पत्रों और तहसील दफ्तर पर चस्पा किया गया जब दावा आपत्ति का समय सीमा खत्म हुआ तब ग्रामीणों को 15 फरवरी बुधवार को हरदीबाजार तहसील में अपने दस्तावेजों के साथ जमा करने की तिथि निर्धारित किया गया आश्रित मोहल्ले के ग्रामीणों ने निर्धारित तिथि में अपनी दस्तावेजों के साथ उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं साथ में हरदीबाजार तहसील के तहसीलदार ने 1 सप्ताह का समय सीमा अवधि बढ़ाया ताकि कोई ग्रामीण छूटे ना और उनका जो अधिकार है उन्हें प्राप्त हो ।
संघर्ष जरूर लंबे होते हैं लेकिन परिणाम भी जरूर मिलता है
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा कि कोई भी समस्या का समाधान बिना संघर्ष किए प्राप्त नहीं होता संघर्ष हमेशा लंबे करने पड़ते हैं लेकिन उसका परिणाम अच्छा ही आता है। इसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत अमगांव के आश्रित मोहल्ला जोकाही डबरीपारा हाथीबाड़ी बस्ती भाटापारा के ग्रामीणों ने तकरीबन 8 वर्ष से अपनी मुआवजा के लिए संघर्ष किया आखिरकार ग्रामीण अपनी मुआवजा के भुगतान की मंजिल की ओर आगे बढ़ते हुए।