बिना प्रिंट लाइन के नहीं छपेंगे पोस्टर और पंपलेट, नियम तोड़ने पर होगी सजा और जुर्माना
कोरबा (आदिनिवासी)| नगरीय निकाय आम चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखने और अवैध प्रचार पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अब प्रत्याशी बिना प्रिंट लाइन के कोई भी प्रचार सामग्री मुद्रित या प्रकाशित नहीं कर सकेंगे। सभी पोस्टर, पंपलेट, और अन्य प्रचार सामग्रियों में मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम, पता, प्रिंटिंग प्रेस की जानकारी और प्रकाशन तिथि अनिवार्य रूप से दर्ज होनी चाहिए।
इसके अलावा, अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पेड न्यूज की सख्त मॉनिटरिंग की जाएगी। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने के लिए मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत करेंगे।
चुनाव प्रचार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम
प्रचार सामग्री में प्रिंट लाइन अनिवार्य
अब से प्रत्याशी या उनके समर्थक बिना प्रिंट लाइन के कोई भी पंपलेट, पोस्टर या अन्य प्रचार सामग्री प्रकाशित नहीं करा सकेंगे। सभी मुद्रित सामग्रियों में निम्नलिखित जानकारी शामिल करना आवश्यक होगा
मुद्रक (प्रिंटिंग प्रेस) का नाम और पता
प्रकाशक का नाम और पता
मुद्रित सामग्री की कुल संख्या
मुद्रण की तिथि
उल्लंघन करने पर
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 127A के तहत दोषियों को सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
पेड न्यूज पर सख्त निगरानी, समिति करेगी प्रमाणन
चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी प्रत्याशी द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दिए गए विज्ञापन, अपील, विश्लेषण या रिपोर्टिंग जो उनके पक्ष में प्रचार कर रहे हैं, उन्हें पेड न्यूज की श्रेणी में रखा जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति का गठन किया गया है, जो इन खबरों को सत्यापित करेगी और जरूरत पड़ने पर प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ने के लिए आदेश जारी करेगी।
समिति के कार्य
प्रत्याशियों के प्रचार सामग्री का सत्यापन
पेड न्यूज की पहचान और निगरानी
प्रकाशित खबरों को प्रत्याशियों के चुनावी खर्च में जोड़ना
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन देने के लिए प्रमाणन जरूरी
अब से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (टीवी, रेडियो, डिजिटल प्लेटफॉर्म) में किसी भी प्रकार का राजनीतिक विज्ञापन तब तक प्रसारित नहीं किया जा सकेगा, जब तक उसे मीडिया प्रमाणन और अनुवीक्षण समिति द्वारा प्रमाणित नहीं कर दिया जाता।
उल्लंघन करने पर
यदि किसी प्रत्याशी के बिना अनुमति के विज्ञापन प्रकाशित होता है, तो यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 171J का उल्लंघन माना जाएगा, और प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़े जाएंगे प्रचार के खर्चे
प्रत्याशी द्वारा किए गए सभी चुनावी खर्चों की गिनती होगी, जिसमें प्रिंटिंग प्रेस द्वारा मुद्रित प्रचार सामग्री का खर्च भी शामिल होगा। इसलिए प्रिंटिंग प्रेस को अनिवार्य रूप से सभी प्रचार सामग्रियों की संख्या की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को देनी होगी।
उल्लंघन करने पर:
यदि कोई उम्मीदवार अपने प्रचार खर्च की जानकारी छिपाने की कोशिश करता है या गलत जानकारी देता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव प्रचार में सांप्रदायिक और अपमानजनक सामग्री पर रोक
चुनाव प्रचार में किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक, अपमानजनक या भ्रामक सामग्री के प्रकाशन पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रतिबंधित सामग्री में शामिल हैं
किसी प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन पर की गई टिप्पणी
न्यायालयीन मामलों और फैसलों पर नकारात्मक या गलत खबरें
धार्मिक या सांप्रदायिक आधार पर प्रचार सामग्री
देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली कोई भी सामग्री
उल्लंघन करने पर
इस तरह की सामग्री प्रकाशित करने पर संबंधित व्यक्ति या संस्था के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पारदर्शी चुनाव के लिए सख्त निगरानी जरूरी
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनाव 2025 में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए ये कड़े नियम लागू किए हैं। बिना प्रिंट लाइन के प्रचार सामग्री पर रोक, पेड न्यूज की सख्त निगरानी, और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापनों के लिए प्रमाणन जैसी व्यवस्थाएं चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाएंगी।
अब प्रत्याशियों को अपने चुनाव प्रचार में पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता रखनी होगी, अन्यथा उन्हें कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।