प्रबंधन के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त, गेवरा खदान के नराईबोध फेस का मामला
कोरबा/गेवरा (आदिनिवासी)। 01 अप्रैल शनिवार को आउटसोर्सिंग के जरिए कार्य पर नियोजित करने सहित अन्य मांगों को लेकर भूविस्थापित कर्मियों ने नराईबोध में उर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के नेतृत्व में कामबंद हड़ताल शुरू कर दिया हड़ताल की वजह से खदान में कोयला डिस्पैच कार्य बाधित हो गया आखिरकार प्रबंधन द्वारा 3 अप्रैल को बैठक आयोजित कर मांगों के निराकरण संबंधी आश्वासन दिए जाने के बाद हड़ताल समाप्त कर दिया गया ।
नए वित्तीय वर्ष के पहले ही दिन गेवरा खदान प्रबंधन को भूविस्थापितों के हड़ताल का सामना करना पड़ा एसईसीएल गेवरा खदान से प्रभावित ग्राम नराईबोध के भूविस्थापितों ने संगठन द्वारा दिए गए सूची के आधार पर रोजगार श्रीराम गोदारा बिग्नेश केजेसीएल रुंगटा और अन्य कंपनियों के द्वारा वर्तमान में उपयोग में लाए जा रहे कंडम गाड़ियों पर रोक लगाने गेवरा में कार्यरत सभी निजी कंपनियों में कोल इंडिया द्वारा निर्धारित वेतनमान एचपीसी पीफ मेडिकल फेस्टिवल संडे बोनस सुरक्षा उपकरण टी टाइम रेस्ट के अलावा दुर्घटना होने की स्थिति में संपूर्ण चिकित्सा व मृत्यु होने पर 50 लाख मुआवजा सहित अन्य सुविधाएं दिए जाने की मांग को लेकर ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले मोर्चा खोल दिया शनिवार की सुबह काफी संख्या में खदान में उतरकर भूविस्थापितों ने खदान के नराईबोध फेस में आंदोलन शुरू कर दिया।
भूविस्थापितों की आंदोलन की वजह से खदान में कोल डिस्पैच कार्य बाधित हो गया वही कोल परिवहन में लगी वाहनों की लंबी कतार लग गए निजी कंपनियों में कार्यरत चालक हेल्फर व मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल कर्मियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा था भूविस्थापितों के आंदोलन की वजह से कोल परिवहन कार्य करीब 5 घंटे तक बाधित रहा सूचना मिलने पर गेवरा प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आंदोलनरत भूविस्थापितों को समझाइश का प्रयास किया गया एसईसीएल गेवरा के परियोजना अधिकारी सत्यपाल सिंह भाटी ने भूविस्थापितों को आश्वासन दिया कि 03 अप्रैल को बैठक आयोजित कर मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल हेल्पर ड्राइवर की मांगों को सकारात्मक कदम उठाया गया प्रबंधन के आश्वासन के बाद भूविस्थापितों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।