शुक्रवार, जुलाई 4, 2025

भूविस्थापित न्याय अधिकार यात्रा शुरू: रोजगार और पुनर्वास की मांग पर 17 को घेरेंगे कलेक्ट्रेट

Must Read

कोरबा (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर तले 17 अक्टूबर को बड़ी संख्या में भूविस्थापित कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। उन्हें लामबंद करने के लिए भूविस्थापित न्याय अधिकार यात्रा शुरू की गई है, जिसे माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर व देवकुंवर तथा भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव,दामोदर श्याम ने खनन प्रभावित गांव गंगानगर में हरी झंडी दिखाई। यह यात्रा सभी खनन व विस्थापन प्रभावित गांवों में जाकर प्रभावित किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी लेगी तथा उनकी मांगों पर उन्हें लामबंद करेगी।

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि जिला प्रशासन की मदद से एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा, कोरबा, दीपका क्षेत्र द्वारा पूर्व में कई गांवों का अधिग्रहण किया गया था, इसलिए भू विस्थापितों की समस्याओं के लिए जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन दोनों ही जिम्मेदार हैं। इन समस्याओं की ओर कई बार जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया गया है, लेकिन l समस्याओं के निराकरण के प्रति कोई भी गंभीर नहीं है।

उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर विगत 346 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। पूरे खनन क्षेत्र में रोजगार, पुनर्वास और ग्रामीण समस्याओं को हल करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन हो रहे हैं। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर तथा जय कौशिक का आरोप है कि लेकिन जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों से भाग रही है और किसी भी पुनर्वास ग्राम में बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ बसाहट नहीं दी गई है और न ही यहां के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण किया गया है। भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, सचिव दामोदर श्याम तथा रघु ने कहा कि जिनकी जमीन एसईसीएल ने ली है, उन्हें बिना किसी शर्त के रोजगार दिया जाये, क्योंकि जमीन ही उनके जीने का एकमात्र सहारा था। उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रेट घेराव में भूविस्थापितों के परिवारजन भी शामिल होंगे।

मांगपत्र में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ सभी छोटे-बड़े खातेदारों को रोजगार देने, आंशिक अधिग्रहण पर रोक लगाने तथा पूर्व में अधिग्रहित भूमि को मूल भूस्वामी किसानों को वापस करने, आउटसोर्सिंग कार्यों में प्रभावित गांवों के सभी बेरोजगारों को रोजगार देने तथा महिलाओं को स्वरोजगार योजना में शामिल करने, शासकीय भूमि पर कब्जाधारियों को भी उनकी परिसंपत्तियों का मुआवजा और रोजगार देने, भूविस्थापित परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं देने और उनके बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने और स्कूल बसों में फ्री पास देने तथा पुनर्वास गांवों में एसईसीएल द्वारा की गई तोड़-फोड़ का और डि-पिल्लरिंग के कारण फसल नुकसानी का मुआवजा देने की मांगें शामिल हैं।

- Advertisement -
  • nimble technology
Latest News

DAP के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फॉस्फेट और NPK उर्वरक बेहतर: कोरबा में किसानों को मिल रहा लाभ

कोरबा (आदिनिवासी)। मानसून की शुरुआत के साथ ही कोरबा जिले में कृषि गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। मौसम की...

More Articles Like This