शनिवार, जुलाई 27, 2024

कोरबा: NTPC प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ 11 सितंबर को उग्र आंदोलन करेंगे भू-विस्थापित

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कोरबा (आदिनिवासी)। भू-विस्थापितों के प्रति एनटीपीसी प्रबंधन का नकारात्मक एवं तानाशाही पूर्ण रवैया के खिलाफ ग्राम चारपारा और कपाटमुडा के भूविस्थापित 11 सितंबर 2023 को मुख्य महाप्रबंधक के आफिस के सामने उग्र आंदोलन करेंगे। ज्ञात हो कि ग्राम चारपारा के भू-विस्थापितों द्वारा क्रमिक रूप से 22 अप्रेल 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 93 दिनों तक निराकरण नहीं होने पर भू-विस्थापित राजन कुमार पटेल, गणेश कुमार केंवट, घसियाराम केंवट, सुरज कुमार केंवट, रामायण प्रसाद केंवट, मथुरा राम केंवट, दयालिक विश्वकर्मा, शुभम् केंवट, कैलाश पटेल और तीन भू-विस्थापित विनय कुमार कैंवर्त, रामकृष्ण केंवट, राकेश कुमार केंवट, प्रतिनिधि लक्ष्मण लाल कैंवर्त आदि सभी इस आंदोलन में शामिल रहेंगे।

पीड़ित भू विस्थापितों ने बताया कि विगत 24 जुलाई 2023 को एनटीपीसी के गेट पर सांकेतिक प्रदर्शन किया गया था। जिसमें दर्री तहसीलदार के द्वारा नौकरी और मुआवजा के संबंध में भू विस्थापितों को झूठा आश्वासन देकर केवल गुमराह किया गया है। एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि जिसका मुआवजा अभी तक अप्राप्त है। 5 अगस्त 2023 को भू विस्थापितों के द्वारा पुनः काबिज करने की कार्रवाई पर दर्री तहसीलदार के द्वारा भू विस्थापितों को आश्वासन देते हुए कहा गया था कि कलेक्टर स्तर पर बैठक कराकर आप लोगों की नौकरी, मुआवजा की मांग को अवश्य पूरा करेंगे। तत्पश्चात 19 अगस्त 2023 को अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा के समक्ष बैठक हुई जिस पर भी भू स्थापितों को मौखिक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।

एनटीपीसी कोरबा के द्वारा ग्रामीणों का जमीन अधिग्रहण सन् 1978-79 व 1980-86 तक किया था। जिसमें जमीन अधिग्रहण के संबंध में एनटीपीसी के द्वारा आम सूचना दिनांक 04/09/1979, 22/01/1981 में जारी किया गया था। तब से लेकर आज तारीख़ तक नौकरी और मुआवजा देने के नाम पर भू-विस्थापितों के प्रति एनटीपीसी की घोर उदासीनता व उपेक्षापूर्ण रवैया जारी है। ग्राम चारपारा व कपाटमुड़ा के पीड़ित भू-विस्थापित अपने जमीन खोने के बाद भी नौकरी मुआवजा के अधिकार से वंचित एनटीपीसी के तानाशाही का शिकार होकर बेरोजगार और लाचार जिन्दगी जीने के लिए मजबूर हैं।

एनटीपीसी प्रबंधन के तानाशाही से भू-विस्थापितों को जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन कभी मुक्ति दिलवा पाएगा, भरोसा भी अब टूट चुका है। अब उम्मीद की कोई किरण कहीं भी दिखाई नहीं दे रही है। और अब उनके hपास आंदोलन के सिवाय और कोई रास्ता नहीं बचा है। ग्राम चारपारा के प्रभावित भूविस्थापितों ने कहा है कि जब तक नौकरी और मुआवजा की मांग पूरी नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।


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