शनिवार, जुलाई 27, 2024

सीलनयुक्त कच्ची झोपड़ी के स्थान पर कल्लू मिया का बना पक्का मकान

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पी.एम.ए.वाई. योजना से हितग्राहियों का हो रहा सपना साकार

कोरबा (आदिनिवासी)। प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीब तबके के लोगों को अपना पक्का मकान होने का सपना साकार हो रहा है। वार्ड क्र. 05 धनुवारपारा कोरबा के रहने वाले कल्लू मिया बताते है कि वे फेरी लगाकर मछली बेचने का कार्य करते हैं, उनके कच्चे मकान के पास तालाब था, जिसके कारण आए दिन घर में सांप, बिच्छू, कीडे-मकाड़े घुस आते थे, दीवारे गीली व कमरे में सीलन रहता था, नमी इतनी ज्यादा बढ़ जाती थी कि घर के अंदर मिट्टी की सतह कीचड़ में तब्दील हो जाती थी किन्तु आज पी.एम.ए.वाई. योजना के अंतर्गत मेरा पक्का मकान बन चुका है, मेरा पक्का मकान होने का सपना पूरा हो गया है तथा प्रतिवर्ष कच्चे मकान की मरम्मत पर होने वाला खर्च भी बच जाता है, जिसका उपयोग मैं अपने अन्य घरेलू खर्चाे के लिए करता हूॅं।

नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के ’’ मोर जमीन-मोर मकान ’’ घटक अंतर्गत अभी तक 1742 पक्के मकान बनाए जा चुके हैं, वहीं 1090 मकानों का निर्माण कार्य जारी है। इस योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को केन्द्रीय अंशदान के रूप में 01 लाख 50 हजार रूपये एवं राज्य सरकार द्वारा मकान निर्माण की लागत की 25 प्रतिशत की राशि प्रदान की जाती है, हितग्राहियों का अंशदान न्यूनतम 86 हजार रूपये है। इस योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली राशि कच्ची झोपड़ी में रहने वाले एक गरीब व्यक्ति के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि ये वही लोग है जो दैनिक रोजी रोटी पर निर्भर हैं, जिनके लिए स्वयं का खर्च वहन कर पाना तथा परिवार का भरण पोषण करना एक बड़ी चुनौती है, ऐसी परिस्थिति में पक्के मकान का सपना पूरा होना निश्चित रूप से उनके जीवन की एक बड़ी उपलब्धि है।

पक्के मकान का सपना पूरा हुआ

वार्ड क्र. 05 धनुवारपारा कोरबा की निवासी श्रीमती शुकवारा बाई बताती है कि वे 40-50 वर्षो से कोरबा में निवासरत हैं, मेरे पति रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं, वे बताती हैं कि पहला मेरा घर कच्ची मिट्टी का बना हुआ था, हर मौसम में समस्या बनी रहती थी, घर में जगह-जगह बिल बन जाते थे, जहॉं पर सांप, बिच्छू आ जाया करते थे, हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि मैं केवल पक्के मकान का सपना ही देखती थी किन्तु आज प्रधानमंत्री आवास योजना ’’ मोर जमीन-मोर मकान ’’ के कारण मेरा सपना साकार हो चुका है, अब मेरा स्वयं का पक्का मकान बन चुका है। मकान मरम्मत में होने वाले खर्चो की बचत कर अब हमने ई-रिक्शा खरीदा है, जिससे हमारे परिवार की आय बढ़ी है, हमारे पक्के मकान के सपने को पूरा करने के लिए मैं सरकार को बहुत धन्यवाद देती हूॅं।

मकान मरम्मत की चिंता से मुक्ति मिली

नगर निगम कोरबा के वार्ड क्र. 65 की निवासी संतरा बाई अपने बीते दिनों की याद करते हुए बताती हैं कि बरसों पूर्व मेरे पति का निधन हो गया था, मेरा एक मात्र बेटा थोड़ी बहुत खेती-किसानी एवं मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता है, हमारे पास इतना पैसा नहीं रहता था कि हम प्रतिवर्ष अपने कच्चे मकान की मरम्मत करा सकें, किन्तु नगर निगम के माध्यम से इस योजना के तहत हमें पैसा प्राप्त हुआ, जिससे अब हमारा पक्का मकान बन चुका है, अब हमें मकान मरम्मत कराने की चिंता नही होती, हमने कभी पक्के मकान का सपना संजोया था, जो अब पूरा हो चुका है।

पक्का मकान होगा कभी सोचा ही नहीं था

निगम के वार्ड क्र. 04 पुरानी बस्ती निवासी श्रीमती सुशीला बंजारे बताती हैं कि वे पहले कच्चे झोपड़ीनुमा मकान में परिवार सहित रहती थी, पति उमेंद राम बंजारे कुली का काम करते थे किन्तु वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटना में उनके कमर की हड्डी खिसक गई, उनके इलाज पर सारी जमा पूंजी खर्च हो गई, कच्चे झोपड़ीनुमा मकान में रहने से अनेक प्रकार की समस्याएं आती थी किन्तु हमारा पक्का भी होगा, यह हम सोच भी नहीं सकती थी क्योंकि आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी, इसी बीच मोहल्ले में कैम्प लगा, जिसमें हमने प्रधानमंत्री आवास योजना का फार्म भरकर जमा किया और आज मैं सपरिवार अपने पक्के मकान में रह रही हूॅं, जो हमारी सोच से भी दूर था, वह हमारा अपना हो चुका है, इसके लिए मैं शासन को बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं।


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