कोरबा (आदिनिवासी)। महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशन में कोरबा जिले को ‘बाल विवाह मुक्त जिला’ घोषित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों से प्राप्त जानकारी के आधार पर दावा-आपत्ति आमंत्रित की है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले की कुल 410 ग्राम पंचायतों और 6 नगरीय निकायों से बीते दो वर्षों में बाल विवाह का कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। नियमों के तहत, ऐसे पंचायतों और निकायों को ‘बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय’ घोषित कर प्रमाण पत्र जारी किया जाना प्रस्तावित है।
विभाग ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति, संस्था या संगठन को इस प्रक्रिया पर कोई दावा या आपत्ति हो, या उनके संज्ञान में कोई बाल विवाह का प्रकरण हो, तो वे विज्ञप्ति जारी होने की तिथि से 7 दिनों के भीतर लिखित रूप में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
दावे एवं आपत्तियां जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, कलेक्ट्रेट परिसर, कोरबा के कार्यालय में कार्यालयीन समय प्रातः 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक सुसंगत दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत की जा सकती हैं।
यह पहल बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के उन्मूलन की दिशा में एक सकारात्मक और प्रेरक कदम माना जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जिले में लगातार चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियानों, विद्यालयी शिक्षा के प्रसार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सक्रियता तथा पंचायत प्रतिनिधियों की जागरूक भूमिका ने इस दिशा में महत्वपूर्ण परिणाम दिए हैं।
बाल विवाह न केवल बालिकाओं के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य पर गहरा असर डालता है। अतः कोरबा जिला प्रशासन का यह प्रयास समाज में समानता, शिक्षा और सशक्तिकरण के मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।