कोरबा (आदिनिवासी) |कलेक्टर अजीत वसंत ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और लंबित राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। बैठक में अविवादित नामांतरण, बटांकन, नक्शा त्रुटि सुधार, किसान पंजीयन और कोटवारी भूमि के मामलों पर विस्तृत चर्चा हुई।
कलेक्टर श्री वसंत ने अजगरबहार तहसील में किसान पंजीयन कार्य में न्यून प्रगति पर गंभीर असंतोष जताया। उन्होंने तहसीलदार को सख्त निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर कार्य में तेजी लाई जाए, अन्यथा वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि कोटवारी भूमि का लेन-देन और नामांतरण अवैध है। उन्होंने ऐसे सभी प्रकरणों की जांच करने और शासन के रिकॉर्ड में दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही, यदि कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।
कलेक्टर ने अविवादित नामांतरण और बंटवारा के मामलों की तहसीलवार समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि आवेदन दर्ज होने के बाद निर्धारित समय-सीमा में ही निराकरण किया जाए। उन्होंने प्रभारी अधिकारियों से कहा कि अधिक लंबित प्रकरणों वाली तहसीलों को चिन्हित कर उनमें तेजी से निपटान किया जाए।
बैठक में नक्शा बटांकन और डिजिटल सिग्नेचर से जुड़े लंबित प्रकरणों पर चर्चा हुई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि 234 लंबित त्रुटि सुधार प्रकरणों को 10 दिनों के भीतर ठीक किया जाए। साथ ही, सीमांकन के मामलों को प्राथमिकता देते हुए उनका शीघ्र निपटान सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर ने ई-कोर्ट के तहत लंबित प्रकरणों की प्रगति की समीक्षा की और उनके निराकरण पर जोर दिया। साथ ही, लोक सेवा केंद्रों द्वारा जारी किए जाने वाले आय, जाति एवं निवास प्रमाणपत्रों को समय पर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि आवेदक के पास सभी दस्तावेज हैं, तो प्रकरण वापस नहीं किया जाना चाहिए।
कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति ऑनलाइन पोर्टल पर अद्यतन की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने कहा कि राजस्व के सभी पैरामीटर्स में कार्यों की उपलब्धि स्पष्ट रूप से दिखनी चाहिए।
इस बैठक में अपर कलेक्टर मनोज कुमार, एसडीएम, प्रभारी अधिकारी, भू-अभिलेख अधीक्षक, सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार मौजूद रहे।
कलेक्टर अजीत वसंत ने राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों को जनहित में त्वरित निर्णय लेने और प्रकरणों के निराकरण में गति लाने के स्पष्ट निर्देश दिए, ताकि आम नागरिकों को समय पर न्याय मिल सके।