शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024

त्रिपक्षीय वार्ता में SECL ने ग्राम पुरैना, बांकी बस्ती व मड़वाढोढा में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान का दिया आश्वासन

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जल संकट: खदान प्रभावित गांव में पानी की मांग को लेकर माकपा के नेतृत्व में 12 घंटे चला चक्काजाम

कोरबा (आदिनिवासी)। बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित गांव बांकी बस्ती,मड़वाढोढा,पुरैना में एसईसीएल द्वारा जल आपूर्ति रोके जाने से परेशान सैकड़ों ग्रामीणों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पार्षद राजकुमारी कंवर के नेतृत्व में बांकी बस्ती के पास चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम सुबह 10 बजे शुरू हुआ जो रात 11 बजे तक चला।

तीन दौर के वार्ता विफल होने के बाद कटघोरा एसडीएम और एसईसीएल कोरबा के महाप्रबंधक द्वारा त्रिपक्षीय वार्ता और पानी के सभी समस्याओं का स्थाई समाधान और सुबह से पाईप लाईन सर्वे का काम शुरू करने के आश्वाशन के 12 घंटे बाद चक्काजाम समाप्त हुआ।चक्काजाम के कारण ट्रकों की लंबीलाईन लग गई थी, जिसके बाद एसईसीएल प्रबंधन को मजबूर होकर आंदोलनकारी माकपा व किसान सभा के नेताओं और ग्रामीणों से बातचीत करने के लिए मजबूर होकर सड़क पर आना पड़ा और देर रात सभी मांगो को जल्द पूरा करने का आश्वासन देना पड़ा।

दूसरे दिन एसईसीएल कोरबा मुख्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता हुई जिसमे कटघोरा एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर,कोरबा महाप्रबंधक अजय तिवारी,कोरबा सिविल एसओ भानु , सुराकछार सबएरिया मैनेजर पी मावावाला, माकपा प्रतिनिधिमंडल से प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर,अजीत सिंह कंवर, दामोदर,दीपक साहू उपस्थित थे। बैठक में माकपा ने खदान प्रभावित बांकी बस्ती,पुरैना,मड़वाढोढा गांव में पेयजल और निस्तरी के लिए पानी पूर्व की तरह देने की मांग की जिसपर कटघोरा एसडीएम ने भी प्रबंधन से प्रभावित गांव में जल्द पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा कोरबा महाप्रबंधक ने कहा की बांकी बस्ती और पुरैना गांव के पाईप लाईन का सर्वे किया गया है जल्द जिला प्रशासन के साथ मिलकर पूर्व की तरह पाईप लाईन के माध्यम से पानी की व्यवस्था की जायेगी,तालाब को भरने की व्यवस्था और गांव में नया बोर होल जल्द कराने का आश्वाशन महाप्रबंधक ने बैठक में दिया। बैठक में माकपा नेता प्रशांत झा ने कहा की पानी की समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ तो अभी 12 घंटे चक्काजाम हुआ है आगे अनिश्चितकालीन चक्काजाम होगा।

उल्लेखनीय है कि कोयला खनन के कारण खनन प्रभावित गांवों में जल स्तर काफी गिर चुका है और अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत एसईसीएल ही पीने, निस्तारी और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध करते आया है। लेकिन बांकी खदान बंद होने के बाद अब अचानक एसईसीएल द्वारा इन बांकी बस्ती,पुरैना,मड़वाढोढा गांवों में जल आपूर्ति रोक दी गई है, जिससे यहां के ग्रामीणों का न केवल दैनिक दिनचर्या गड़बड़ा गई है, बल्कि खेती-किसानी पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। माकपा द्वारा 12 घंटे चक्काजाम के बाद एसईसीएल प्रबंधन के होश उड़ गए और ग्रामीणों के पानी के समस्या के समाधान के लिए रात 11 बजे आश्वाशन दिया की सभी समस्याओं का जल्द निराकरण किया जाएगा। ग्रामीणों में एसईसीएल के प्रति काफी आक्रोश है।

माकपा नेता प्रशांत झा ने आरोप लगाया कि बांकी खदान से कमाई बंद होते ही अब एसईसीएल अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने से आना कानी कर रही है, जबकि किसानों की आजीविका सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को पाना ग्रामीणों का अधिकार है।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि तीनों गांव को पानी नहीं मिलेगा तो फिर ग्रामीण अनिश्चित कालीन कोल परिवहन बंद करेंगे।

प्रमुख मांगे

1) बांकी बस्ती और पुरैना गांव में पाईप लाईन के माध्यम से पेयजल सप्लाई चालू किया जाये।
2) ग्राम बांकी बस्ती, मडवाढोंढा,पुरैना में तालाबों को खदान से पाईप लाईन के माध्यम से साल भर भरने की व्यवस्था की जाये।
3) ग्राम बांकी बस्ती, मडवाढोंढा,पुरैना में जहां अंडर ग्राउंड में पानी का भराव जायदे है वहां बोरहोल कर मोटर पंप लगाकर तालाबों को भरने के साथ किसानों को सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जाये।
माकपा के इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ किसान सभा ने भी अपना समर्थन दिया और बड़ी संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता भी आंदोलन में शामिल हुए।
माकपा ने कहा की एसईसीएल ने अगर पेयजल जैसी समस्या को गंभीरता से अगर पूरा नहीं किया तो आगे और उग्र आंदोलन होगा।

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