उनके मक्का के फसलों को भी नष्ट कर दिया गया
भुवनेश्वर (आदिनिवासी)। उड़ीसा के जिला नबरंगपुर, ब्लॉक उमरकोट, ग्राम पंचायत बुर्जा के अंतर्गत कोपासाभाटा, सरियाभाटा और लखटिपाखना ग्राम के 100 से अधिक आदिवासी परिवार मक्के का खेती करीब 30 एकड़ में करके आपना आजीविका चलाते हैं।
वन सुरक्षा समिति के कार्यकर्ताओं के द्वारा अचानक 13 अगस्त 2022, सुबह 10 से 12 बजे के बीच आकर इन आदिवासी परिवारों के घरों को आग लगा दिया गया और उनके मक्के के फसलों को भी पूर्ण रूप से बर्बाद कर दिए।
इस बर्बर, अमानवीय व असंविधानिक कृत्य की में निंदा करते हुए आदिवासी संघर्ष मोर्चा एवं भाकपा माले के राज्य इकाई ने दोषियों पर तुरंत कारबाई करने के साथ ही जिन 25 आदिवासी परिवारों का घर और फसल का नुकसान हुआ, राज्य और केंद्र सरकार उनका सही आकलन कर उनको उचीत मुआवजा देने की मांग किया है।
बुर्जा पंचायत के कोपासाभाटा गाँव के आदिवासियों के द्वारा एक महीने पहले उमरकोट थाने में बन सुरक्षा समिति के पदाधिकारियों के द्वारा गांव छोड़ देने अन्यथा आदिवासियों के फसलों को बर्बाद कर देने की धमकी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया गया था। पुलिस ने दोनों पक्षों को बुला कर समझाइश देकर समस्या का समाधान भी किया था। पुलिस प्रशासन ने बन सुरक्षा समिति को भी समझाया था कि जंगल में काबिज आदिवासियों को नहीं भगाएंगे और उनके फसलों को बर्बाद नहीं करेंगे। लेकिन बन सुरक्षा समिति के माध्यम से वन विभाग की आदिवासियों के प्रति तानाशाही और अमानवीय क्रूरता लगातार जारी है।
भाकपा माले के पदाधिकारी मधुसूदन ने आदिवासियों के प्रति ऐसी अमानवीय कार्रवाईयों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि आजादी का 75वें साल के अमृतकाल में 25 आदिवासियों का घर जला के और उनके फसलों को बर्बाद कर दिया गया है। अब मोदी और नबीन सरकार बताये कि बिना आशियाना के हाथों में तिरंगा लेकर भूखे प्यासे खाली पेट अमृत महोत्सव कैसे मना पाएंगे ओड़िशा के ये बेबस, लाचार और गरीब आदिवासी?