मंगलवार, सितम्बर 10, 2024

किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 संगठनों के सैकड़ों किसानों ने किया 30 किलोमीटर पैदल मार्च: गांधी प्रतिमा पर न्याय के लिए संघर्ष तेज करने का लिया संकल्प

Must Read

रायपुर (आदिनिवासी)। केन्द्र की भाजपा सरकार की किसान व विरोधी नीतियों और राज्य की कांग्रेस सरकार की किसानों से वादाखिलाफी से आक्रोशित सैकड़ों किसानों ने आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर नई राजधानी से आजाद चौक तक 30 किमी. की पदयात्रा की तथा गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके न्याय के लिए किसानों के संघर्ष को तेज करने का संकल्प लिया।

उल्लेखनीय है कि पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर पर किसानों का साझा आंदोलन विकसित हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सकल लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का कानून बनाने, किसानों को पूरी तरह कर्जमुक्त करने की केंद्रीय मांग के साथ ही राज्य के किसानों की ज्वलंत समस्याओं पर किसानों को संगठित करके एक व्यापक आंदोलन छेड़ने जा रहा है। रायपुर में आज किसान मोर्चा की इस पदयात्रा के जरिये नई राजधानी से प्रभावित किसानों की पुनर्वास तथा रोजगार से जुड़ी मांगों को पूरा करने के साथ ही पिछली भाजपा सरकार द्वारा दो साल के रोके गए बोनस का भुगतान करने की मांग की गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा की विज्ञप्ति के अनुसार इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, नई राजधानी प्रभावित किसान संघर्ष समिति, जिला किसान संघ राजनांदगांव तथा बालोद, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छमुमो (मजदूर-किसान कार्यकर्ता समिति), क्रांतिकारी किसान सभा, किसान महासभा, भारतीय किसान यूनियन, मजदूर-किसान महासंघ बिलासपुर, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति तथा अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा आदि संगठनों के सैकड़ों किसानों ने नई राजधानी से रायपुर में आजाद चौक स्थित गांधी प्रतिमा तक पदयात्रा की। इस पदयात्रा का नेतृत्व रूपन चंद्राकर, कामता प्रसाद रात्रे, सुदेश टीकम, रमाकांत बंजारे, गेंद सिंह ठाकुर, पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर, कलादास डहरिया, सौरा यादव, तुहिन देव, हेमंत टंडन, नरोत्तम शर्मा, श्याम मूरत कौशिक, आलोक शुक्ला तथा संजय पराते ने आदि ने किया।

पदयात्रा से पूर्व ग्राम चीचा तथा समापन स्थल गांधी प्रतिमा पर हुई संक्षिप्त सभा में वक्ताओं ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधीजी ने गोरे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज लड़ाई उन काले चोरों और कॉर्पोरेटपरस्त सरकार के खिलाफ है, जो जल, जंगल, जमीन, खनिज और प्राकृतिक संसाधनों को लूटने के लिए किसानों को जमीन से बेदखल कर रही है और आदिवासियों का राज्य-प्रायोजित जनसंहार कर रही है, हसदेव के जंगलों को उजाड़ने पर तुली है तथा देश की सार्वजनिक संपदा को अडानी-अंबानी को सौंप रही है। इस लूट के खिलाफ ही गांधीजी की लड़ाई थी और गांधी के सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर ही इस लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांधीजी की हत्या करने वाली गोडसे की विचारधारा और आरएसएस-भाजपा की उस फूटपरस्त राजनीति को भी इस देश के किसान मात देंगे, जो यहां कृषि का कार्पोरेटीकरण करना
चाहते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के लिए जिम्मेदार मंत्री अजय टेनी को बर्खास्त करने तथा हत्यारों को सजा देने की भी मांग की।


- Advertisement -
  • nimble technology
[td_block_social_counter facebook="https://www.facebook.com/Adiniwasi-112741374740789"]
Latest News

छत्तीसगढ़ मांझी समाज की कुलदेवी: संबलपुर की समलाई दाई का इतिहास

छत्तीसगढ़ के मांझी समाज के लिए उड़ीसा के संबलपुर स्थित समलाई दाई मंदिर का विशेष महत्व है। यह मंदिर न...

More Articles Like This