शनिवार, अप्रैल 19, 2025

मानव-हाथी संघर्ष: क्यों जरूरी है वन्यजीवों के प्रति जागरूकता?

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लैलूंगा वन परिक्षेत्र में हाथियों का आतंक, ग्रामीणों को सुरक्षित रहने की दी जा रही हिदायत

रायगढ़ (आदिनिवासी)। धरमजयगढ़ वनमंडल के लैलूंगा वन परिक्षेत्र में जंगली हाथी के हमले में एक व्यक्ति की दुखद मौत हो गई। मृतक की पहचान 45 वर्षीय अघनु अगरिया के रूप में हुई है, जो ग्राम बगुडेगा का निवासी था। घटना उस समय हुई जब हाथी ने अघनु के घर की दीवार तोड़ दी। अघनु ने भागने का प्रयास किया, लेकिन हाथी ने उसे पकड़ लिया और पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

इस दुखद घटना के बाद वन विभाग ने तत्कालिक सहायता के रूप में पीड़ित परिवार को 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है। मामले की गहन जांच चल रही है और वन अमले को मानव-हाथी संघर्ष की रोकथाम के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है।

हाथी प्रभावित क्षेत्र की स्थिति और सतर्कता: वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, 12 नवंबर 2024 की रात को राजपुर सर्किल के स्टाफ ने बगुडेगा, लगनटिकरा, बैगिनझरिया और लखपहरी में जंगली हाथियों के आगमन की जानकारी दी थी। अगली सुबह वन रक्षक योगेश कुमार लकड़ा ने सूचना दी कि ग्राम बगुडेगा में एक व्यक्ति पर हाथी ने हमला कर दिया है।

वन परिक्षेत्र अधिकारी तुरंत घटना स्थल पहुंचे और आवश्यक जानकारी जुटाई। मृतक अघनु अगरिया अपने घर में अकेला था जब हाथियों ने उसके घर की दीवार तोड़ दी। अघनु ने बाहर आकर स्थिति का मुआयना किया और भागने का प्रयास किया, लेकिन थोड़ी ही दूरी पर उसका सामना हाथी से हो गया। हाथी ने उसे पकड़कर पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

सुबह के समय परिजनों ने अघनु की खोजबीन की और उसका शव पास के जंगल में पाया। शव के पास हाथियों के पैरों के निशान स्पष्ट रूप से दिख रहे थे, जिससे यह पुष्टि हुई कि उसकी मौत हाथी के हमले से हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लैलूंगा ले जाया गया और फिर परिजनों को सौंप दिया गया।

वन विभाग की सावधानीपूर्ण पहल: इस दुखद घटना से पहले भी वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को लगातार सतर्क किया जा रहा था। हाथियों के आगमन और उनके गतिविधियों की जानकारी मुनादी और लाउडस्पीकर के माध्यम से दी जा रही थी। वन कर्मचारियों ने हाथियों के ट्रैकिंग पर नजर रखने के लिए एक विशेष दल गठित किया है। इसके साथ ही, हाथी मित्र दल और स्थानीय व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से भी ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।

वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथी प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से न जाएं और अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत रहें। वन परिक्षेत्र लैलूंगा में मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। वन विभाग का अमला इस क्षेत्र में हाई अलर्ट पर है ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

मानव-हाथी संघर्ष के प्रति जागरूकता जरूरी: यह घटना केवल एक दुखद हादसा नहीं है, बल्कि वन्यजीवों और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष का उदाहरण है। वन विभाग ग्रामीणों को लगातार जागरूक कर रहा है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। वन विभाग द्वारा हाथियों की निगरानी और उन्हें नियंत्रित करने के प्रयास सराहनीय हैं, परंतु ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और अधिक ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को उजागर किया है। वन विभाग द्वारा तुरंत सहायता प्रदान करना और ग्रामीणों को सतर्क करना सराहनीय कदम हैं, लेकिन इस तरह की घटनाओं से पूरी तरह बचने के लिए व्यापक और दीर्घकालिक समाधान पर विचार आवश्यक है।

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