कोरबा (आदिनिवासी)। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कोरबा जिले में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने एक आदेश जारी कर कटघोरा और पाली के खंड चिकित्सा अधिकारियों (बीएमओ) को तत्काल प्रभाव से उनके पदों से हटा दिया है।
हटाए गए अधिकारियों में कटघोरा के डॉ. रुद्रपाल सिंह और पाली के डॉ. सी.एल. रात्रे शामिल हैं। हालांकि आधिकारिक आदेश में कारण स्पष्ट नहीं किया गया है, सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई हाल की घटनाओं के मद्देनजर की गई है।
कटघोरा में, पिछले महीने सर्पदंश से दो लोगों की मौत के बाद स्थानीय निवासियों ने प्रदर्शन किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि समय पर उचित चिकित्सा देखभाल न मिलने के कारण ये मौतें हुईं। इस घटना ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए थे।
दूसरी ओर, पाली में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। यह मामला अभी जांच के अधीन है, लेकिन इसने स्वास्थ्य विभाग के प्रशासन पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह कार्रवाई दर्शाती है कि हम जनता की चिंताओं को गंभीरता से लेते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और सरकारी धन का उचित उपयोग हो।”
इस फैसले का स्वागत करते हुए, स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव ने कहा, “यह एक सकारात्मक कदम है। हमें उम्मीद है कि नए अधिकारी बेहतर प्रदर्शन करेंगे और ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।”
हालांकि, कुछ चिकित्सा पेशेवरों ने चेतावनी दी है कि सिर्फ अधिकारियों को बदलना पर्याप्त नहीं है। डॉ. अनुपमा शर्मा, एक स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ, का कहना है, “हमें व्यापक सुधारों की आवश्यकता है। इसमें बेहतर बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण और संसाधनों का आवंटन शामिल है।”
जैसे-जैसे नए अधिकारी कार्यभार संभालते हैं, समुदाय की नजरें उन पर टिकी होती हैं। यह देखना बाकी है कि क्या ये बदलाव कोरबा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में वांछित सुधार ला पाएंगे।