शनिवार, अप्रैल 19, 2025

धान पर किसानों का संघर्ष: खरीदी जल्द शुरू और समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग!

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1 नवंबर से खरीदी और 3217 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य चाहिए

रायपुर (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ किसान महासभा ने राज्य सरकार से मांग की है कि धान खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू की जाए और समर्थन मूल्य 3217 रुपये तय किया जाए। वर्तमान में राज्य सरकार ने खरीफ फसल की खरीदी 16 नवंबर से शुरू करने की घोषणा की है, जिसमें धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। महासभा का कहना है कि यह किसानों के साथ धोखा और अन्याय है।

किसानों का कहना है कि फसल बेचने के लिए पहले उन्हें तीन बार में अवसर मिलता था, लेकिन अब इसे घटाकर दो बार कर दिया गया है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। सरकार की यह नीति किसानों को अवसरों से वंचित कर उनके उत्पाद का सीमित खरीद करने की ओर इशारा करती है। इस साल धान की बंपर फसल होने की उम्मीद है, और ऐसे में सरकार द्वारा फसल के रकबे को गिरदावरी में मेढ़-पार की कटौती करके कम दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।

किसानों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि केंद्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में 117 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन राज्य सरकार इस बढ़ोतरी को 3100 रुपये के भीतर समेटने की कोशिश कर रही है। किसान महासभा का मानना है कि इस तरह के फैसले किसानों के हितों के खिलाफ हैं और उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ किसान महासभा ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए फसल खरीदी की प्रक्रिया 1 नवंबर से शुरू की जाए। साथ ही, गिरदावरी में रकबे की कटौती बंद की जाए और समर्थन मूल्य में 117 रुपये की बढ़ोतरी जोड़कर इसे 3217 रुपये किया जाए। महासभा का कहना है कि सरकार को किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और उनकी मेहनत का सही मूल्य उन्हें मिलना चाहिए।

यह मुद्दा किसानों के जीवन और उनके आर्थिक भविष्य से जुड़ा हुआ है। धान की फसल से ही उनकी आजीविका चलती है और सरकार के इस तरह के फैसले उनकी मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि सरकार बिना किसी राजनीति या पक्षपात के किसानों के हितों का ध्यान रखे और उन्हें उनका हक दिलाए।

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