रायपुर (आदिनिवासी)। मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने दो महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा प्रदान की जाएगी तथा चुनावी प्रचार के नियमों को सरल बनाया जाएगा। ये दोनों निर्णय लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और निर्वाचन संचालन नियम 1961 के प्रावधानों के अनुकूल हैं।
मोबाइल जमा सुविधा की पृष्ठभूमि
आज के डिजिटल युग में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन का उपयोग तेजी से बढ़ा है। विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को मतदान के दिन अपने मोबाइल फोन को संभालने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों के ठीक बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
मोबाइल जमा सुविधा के नियम
निर्वाचन आयोग के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार:
– मतदान केंद्र से 100 मीटर की परिधि के अंदर केवल बंद (स्विच ऑफ) मोबाइल फोन रखने की अनुमति होगी
– मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर साधारण पिजनहोल बॉक्स या जूट बैग की व्यवस्था की जाएगी
– मतदाता अपने मोबाइल फोन इन्हीं बॉक्स या बैग में जमा करने के बाद मतदान कर सकेंगे
– मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा
– स्थानीय प्रतिकूल परिस्थितियों के आधार पर रिटर्निंग ऑफिसर कुछ मतदान केंद्रों को इस नियम से छूट दे सकते हैं।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान केंद्र के भीतर मतदाता की गोपनीयता सुनिश्चित करने वाला निर्वाचन संचालन नियम 49M का कड़ाई से पालन किया जाएगा। यह नियम मतदान की गुप्तता को बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
प्रचार नियमों का सरलीकरण
मतदान दिवस की व्यवस्थाओं को और भी बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयोग ने चुनावी प्रचार की अनुमति सीमा को भी संशोधित किया है:
– मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में मतदान दिवस पर चुनावी प्रचार पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा
– उम्मीदवार अब मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के बाहर अपने बूथ लगा सकेंगे
– आधिकारिक मतदाता सूचना पर्ची (VIS) न होने की स्थिति में अनौपचारिक पहचान पर्चियों का वितरण भी इसी सीमा के बाहर किया जा सकेगा
निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार तथा निर्वाचन आयुक्तगण डॉ. सुखबीर सिंह संधू एवं डॉ. विवेक जोशी के कुशल नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग संवैधानिक और कानूनी ढांचे के अनुसार निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। साथ ही आयोग मतदाताओं की सुविधा में वृद्धि के लिए निरंतर नवाचार करता रहेगा।
यह पहल मतदाताओं की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और भी सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन नए नियमों से विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजनों को मतदान में सहायता मिलेगी तथा चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बनी रहेगी।