रायपुर/बिलासपुर (आदिनिवासी)| छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ने जा रहा है। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की पहल पर आयोजित राज्य स्तरीय एकलव्य विद्यालय क्रीड़ा प्रतियोगिता 19 और 20 अगस्त को बिलासपुर में धूमधाम से आयोजित की जाएगी। इस दो दिवसीय महोत्सव में प्रदेशभर के करीब दो हजार खिलाड़ी 20 खेलों में अपनी प्रतिभा और जुनून का प्रदर्शन करेंगे।
प्रतियोगिता का उद्घाटन 19 अगस्त को सुबह 11 बजे और समापन 20 अगस्त को दोपहर 3 बजे बहतराई स्थित राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र में होगा। आयोजन स्थल केवल यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि बिलासपुर के विभिन्न मैदानों और खेल परिसरों—जैसे पिंक स्टेडियम गांधी चौक, बिलासा कॉलेज, संजय तरण पुष्कर, रेलवे बॉक्सिंग रिंग, पुलिस मैदान और साइंस कॉलेज—में भी प्रतियोगिताएं होंगी।
प्रतियोगिता में कुल 20 खेल शामिल किए गए हैं, जिनमें 13 व्यक्तिगत खेल और 7 सामूहिक खेल होंगे।
व्यक्तिगत खेल: तीरंदाजी, एथलेटिक्स, जुडो, ताइक्वांडो, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती (फ्री स्टाइल), योग, शतरंज, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, टेनिस, तैराकी और बॉक्सिंग।
सामूहिक खेल: हॉकी, कबड्डी, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हैंडबॉल, खो-खो और वॉलीबॉल।
प्रदेश के विभिन्न एकलव्य विद्यालयों से आए महिला और पुरुष खिलाड़ियों के लिए बिलासपुर के अलग-अलग छात्रावासों में रहने और भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने खिलाड़ियों को सुरक्षित और अनुकूल माहौल देने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा को मंच देगा बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं तक पहुंचाने की मजबूत नींव भी रखेगा। खेल बच्चों के आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और अनुशासन को बढ़ाने का सबसे प्रभावी माध्यम है।
इस प्रतियोगिता का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह केवल एक खेल आयोजन नहीं बल्कि आदिवासी समाज के बच्चों को अवसर और पहचान देने का प्रयास है। खेल के माध्यम से सामाजिक एकता, समानता और आत्मनिर्भरता का संदेश भी दिया जा रहा है।